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‘हलाल प्रमाणपत्र’ व्यवस्था भारत को इस्लामीकरण की ओर ले जानेवाला ‘आर्थिक जिहाद’ – हेमंत सोनवणे, हिन्दू जनजागृति समिति

कणूर (तहसील वाई, जनपद सातारा) मठ के मठाधिपति पू. ब्रह्मानंद स्वामी को श्री दत्तजयंती विशेषांक भेंट करते हुए (बाईं ओर से) हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती स्मिता भोज, श्री. राजेंद्र सांभारे और श्री. हेमंत सोनवणे

सातारा : जिनका सपना भारत पर राज्य करना है, वे लोग सरकार की ओर से उनकी एक मांग पूरी होने पर शांत न बैठकर दूसरी मांग कर रहे हैं । कुछ वर्ष पूर्व भारत में इस्लामी बैंक चलाने की मांग की जा रही थी, जिसे मोदी सरकार ने अस्वीकार किया था । बैंक स्थापन करने के लिए सरकार की अनुमति लगती है; परंतु कोई भी ग्राहक उसे संविधान के द्वारा प्रदान की गई धार्मिक स्वतंत्रता का लाभ उठाकर उसके धर्म के अनुसार स्वीकार्य सामग्री और पदार्थों का आग्रह रख सकता है । उसके आधार पर मुसलमानों की ओर से प्रत्येक पदार्थ और वस्तुओं के इस्लाम के अनुसार वैध होने की मांग की जाने लगी है । अब तो उससे आगे जाकर हलाल प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य बन गया है । ‘हलाल प्रमाणपत्र’ तो भारत को इस्लामीकरण की ओर ले जानेवाला आर्थिक जिहाद ही कहना पडेगा, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हेमंत सोनवणे ने किया । वाई तहसील के कणूर के पू. ब्रह्मांनद स्वामी के मठ में श्री दत्तजयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किए गए व्याख्यान में वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर मठ के मठाधिपति पू. ब्रह्मांनद स्वामी, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. राजेंद्र सांभारे और श्रीमती स्मिता भोज उपस्थित थे ।

श्री. सोनवणे ने आगे कहा कि हलाल अर्थव्यवस्था ने भारतीय अर्थव्यवस्था का समानांतर स्तर प्राप्त किया है । हलाल ने अनेक राष्ट्रों में अपनी जडें मजबूत की हैं । इस व्यापार पद्धति में ५७ इस्लामी राष्ट्र सम्मिलित हुए हैं । इससे हलाल पद्धति का षड्यंत्र ध्यान में आता है । सभी राष्ट्रों की सरकारों को यह आर्थिक आतंकवाद तोड डालना चाहिए ।

समिति के श्री. राजेंद्र सांभारे ने कार्यक्रम की प्रस्तावना और सूत्रसंचालन किया, तो श्रीमती स्मिता भोज ने आभार प्रदर्शन किया । ११० से भी अधिक श्रद्धालुओं ने इस व्याख्यान का लाभ उठाया ।

क्षणिकाएं

१. इस अवसर पर पू. ब्रह्मांनद स्वामी ने उपस्थित श्रद्धालुओं से राष्ट्र-धर्म कार्य के लिए प्रतिदिन १ घंटा समय देने का आवाहन किया ।

२. हिन्दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत तथा सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी को स्वास्थ्यलाभ और दीर्घायु प्राप्त होने के लिए, साथ ही सनातन संस्था का कार्य संपूर्ण विश्व में फैले; इसके लिए महाराज ने भगवान से प्रार्थना की ।

३. महाराजजी ने सनातन के साधकों से प्रत्येक महिने की पूर्णिमा के दिन मठ आकर उपस्थित श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया ।

सनातन के साधकों के आचरण से हिन्दू धर्म की सीख का अनुभव होता है ! – पू. ब्रह्मानंद स्वामी

सनातन संस्था के आश्रम हैं; इसीलिए हिन्दू धर्म टिका हुआ है । मैने सनातन के आश्रम को बहुत निकट से देखा है । सनातन के साधकों की वाणी और आचरण से हिन्दू धर्म की सीख का प्रत्यक्ष अनुभव होता है । सनातन समाज को धर्मशिक्षा देती है । उसके कारण युवतियों को धर्म में बताए गए शास्त्रीय धार्मिक कृत्यों का ज्ञान मिलता है । मुसलमान लडकियां हिजाब पहनकर ही घर से बाहर निकलती है; परंतु हिन्दू युवतियों को कुमकुम तो छोडिए, बिंदी लगाने में भी लज्जा प्रतीत होती है । हलाल प्रमाणपत्र व्यवस्था अर्थात समानांतर अर्थव्यवस्थश को तोड डालने के लिए सभी को अपनी-अपनी क्षमता के अनुरूप प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजने चाहिएं ।

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