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गुजरात के ‘बेट द्वारका’ के दो द्वीपों पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने किया दावा, उच्च न्यायालय ने कहा, कृष्णनगरी में कैसा अधिकार?

भगवान श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका को देवभूमि कहा जाता है। यहीं पर स्थित है बेट द्वारका। अब इस बेट द्वारका के दो द्वीपों पर अपना दावा करते हुए वक्फ बोर्ड ने गुजरात उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। इस आवेदन पर न्यायालय की जज भी बिफर पड़ीं। गुजराती दैनिक दिव्य भास्कर की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के आवेदन पर सुनवाई उच्च न्यायालय की जस्टिस संगीता विशेन की न्यायालय में हुई।

वक्फ समिति ने न्यायालय में दिए अपने आवेदन में दावा किया है कि बेट द्वारका द्वीप पर दो द्वीपों का स्वामित्व वक्फ बोर्ड के पास है। वक्फ बोर्ड के इस बेतुके दावे को सुनते ही गुजरात उच्च न्यायालय ने इस पर अपनी असहमति व्यक्त की। न्यायालय ने कहा, “क्या आप जानते हैं कि आप क्या कह रहे हैं? वक्फ बोर्ड कृष्णानगरी में भूमि के स्वामित्व का दावा कैसे कर सकता है?।” इसी के साथ न्यायालय ने वक्फ बोर्ड के आवेदन को सिरे से खारिज कर दिया।

दिव्य भास्कर रिपोर्ट में कहा गया है कि बेट द्वारका क्लस्टर में कुल 8 छोटे द्वीप हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उच्च न्यायालय में आवेदन देकर उन पर मालिकाना हक जताया है। वक्फ बोर्ड का दावा है कि बेट द्वारका में पास के द्वीपों की भूमि वक्फ बोर्ड की है। हालाँकि, उच्च न्यायालय उसके दावे को सुनकर गुस्से में बिफर पड़ा। इसके बाद उच्च न्यायालय ने वक्फ बोर्ड को अपने आवेदन को फिर से पढ़ने और अवकाश न्यायालय में एक और संशोधित आवेदन जमा करने के लिए कहा।

बेट द्वारका जिसे बेयत द्वारका भी कहा जाता है, उस समय भगवान श्रीकृष्ण का निवास स्थान था, जब वो गुजरात में शासन करते थे। बेट द्वारका, द्वारका के तट पर एक छोटा सा द्वीप है। यहाँ पहुँचने में ओखा से नाव के जरिए करीब 30 मिनट का वक्त लगता है। इस छोटे से द्वीप में लगभग 7,000 परिवार रहते हैं, जिनमें से लगभग 6,000 परिवार मुस्लिम परिवार हैं। बेट द्वारका हिंदुओं के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है।

स्रोत : Opindia

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