इमरान राज में सुरक्षित नहीं हिंदू है । पाकिस्तान में एक बार फिर धार्मिक अल्पसंख्यकों के उत्पीडन का मामला सामने आया है। पड़ोसी मुल्क के सिंध प्रांत में एक नाबालिग सहित दो हिंदू लड़कियों का अपहरण कर लिया गया। इसके बाद दोनों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और जिन लोगों ने उन्हें अगवा किया था, उनसे ही दोनों की शादी करवा दी गई। एक पीड़िता की उम्र महज 13 साल है, जबकि दूसरे की 19 साल। इस तरह एक बार फिर इमरान खान के ‘नए पाकिस्तान’ में अल्पसंख्यकों के ऊपर ढाए जाने वाले जुल्मों की पोल खुल गई है।
सिंध प्रांत के मीरपुर खास जिले की नाबालिग लड़की रोशनी मेघवार का अपहरण कर लिया गया। उसे इस्लाम धर्म में जबरन परिवर्तन कर दिया गया और फिर उसकी उम्र दोगुने से अधिक व्यक्ति से शादी कर दी गई। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य और देश के अल्पसंख्यक नेता लाल चंद मल्ही ने पीड़ित की जानकारी को साझा किया है। उन्होंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार और उनके जबरन धर्मांतरण को रोकने में विफल रहने के लिए सत्तारूढ इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार की आलोचना की।
Reportedly yet another minor Hindu girl- Roshni- of Tharpakrkar,kidnapped converted & married off today. Man showing conversion certificate issued by a seminary giving an impression that this certificate is superior to any law of the land. PPP badly failing Minorities in Sindh pic.twitter.com/DIdoKLuzKH
— LAL MALHI (@LALMALHI) December 24, 2021
लाल चंद मल्ही ने दी पीडितों की जानकारी
लाल चंद मल्ही पाकिस्तान में मानवाधिकारों के लिए संसद सचिव भी हैं। उन्होंने 24 दिसंबर को अपने आधिकारिक हैंडल से पीड़ितों की जानकारी के साथ उनकी तस्वीरों को शेयर किया। रोशनी मेघवार की शादी थारपारकर के मूल निवासी और अगवा करने वाले व्यक्ति मोहम्मद मूसा से करवा दी गई है। वहीं, रोशनी का नाम बदलकर रजिया रख दिया गया है। लड़की का कथित तौर पर महीनों पहले अपहरण कर लिया गया था और उसे अवैध रूप से कैद में रखा गया था। वहीं, 19 वर्षीय हरियान मेघवार को अगवा करने के बाद उसकी शादी भाई खान से करवा दी गई है, जो 31 साल का है और पहले से ही शादीशुदा है।
पाकिस्तान में हिंसा का शिकार हो रहे धार्मिक अल्पसंख्यक
इमरान खान के राज में पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की पीड़ा जारी है। धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के अपहरण, जबरन धर्मांतरण और धार्मिक संस्थानों की तोडफोड की घटनाएं बार-बार हुई हैं। ये पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर रिपोर्ट किए गए कई जबरन धर्मांतरण वाले मामलों में से कुछ ही हैं। अपने अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा नहीं करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा बार-बार पाकिस्तान की आलोचना की गई है। हालांकि, इन सबके बाद भी पाकिस्तान में इस तरह के मामलों में कमी देखने को नहीं मिल रही है।
स्रोत : टीवी ९ हिन्दी