- धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगने से क्या कांग्रेस की ‘वोटबैंक’ कम होगी इस डर से वे इस कानून का विरोध कर रही है ?
- ऐसा कहकर कांग्रेस जिहादियों तथा मिशनरियों को धर्मांतरण करने के लिए बढावा दे रहा है, ऐसे जनता को लगता है ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
बेंगलुरु – कर्नाटक में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने सोमवार को कहा कि, 2023 के राज्य विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर कांग्रेस प्रस्तावित धर्मांतरण रोधी कानून को तुरंत निरस्त कर देगी। उन्होंने ‘कर्नाटक धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार संरक्षण विधेयक, 2021’ को संविधान विरोधी और क्रूर बताते हुए कहा कि, कांग्रेस भी जबरन धर्मांतरण या प्रलोभन के जरिए धर्मांतरण कराये जाने के खिलाफ है।
ಜನಾಕ್ರೋಶಕ್ಕೆ ಮಣಿಯದೆ @BJP4Karnataka ಸರ್ಕಾರ ಮತಾಂತರ ನಿಷೇಧ ಕಾಯ್ದೆಯನ್ನು ಜಾರಿಗೊಳಿಸಿದರೂ ಮುಂದೆ ನಾವು ಅಧಿಕಾರಕ್ಕೆ ಬಂದ ಒಂದೇ ವಾರದೊಳಗೆ ಅಥವಾ ಪ್ರಥಮ ಅಧಿವೇಶನದಲ್ಲೇ ಕಾಯ್ದೆಯನ್ನು ರದ್ದುಗೊಳಿಸುತ್ತೇವೆ.
ಇದರಲ್ಲಿ ಅನುಮಾನವೇ ಇಲ್ಲ. 1/3#AntiConversionBill— Siddaramaiah (@siddaramaiah) December 27, 2021
सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इसे सौ फीसदी निरस्त कर देंगे, हम सत्ता में आने के एक हफ्ते के अंदर ऐसा करेंगे। हम इसे प्रथम सत्र में ही निरस्त कर देंगे।’’
धर्मांतरण रोधी विधेयक को अभी विधान परिषद में पारित किया जाना बाकी है। इसे लागू करने के लिए एक अध्यादेश लाने की भारतीय जनता पार्टी की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, अध्यादेश जारी करने का रास्ता आपात स्थिति में अपनाया जाता है।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा ने पिछले हफ्ते बेलगावी में राज्य विधानसभा में विपक्षी दलों के विरोध के बीच इसे पारित किया था।
स्रोत : नवभारत टाइम्स