मंदिर रक्षा हेतू ऐसा निर्णय लेनेवाली कर्नाटक सरकार का अभिनंदन !
भारत सरकार अब देश के सभी हिन्दू मंदिरों को शीघ्र ही सरकारी नियंत्रण से मुक्त करे ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने एक बड़े निर्णय की ओर इशारा करते हुए बुधवार को खुलासा किया है कि, उनकी सरकार हिंदू मंदिरों और धार्मिक संस्थानों को राज्य के नियंत्रण से मुक्त करने के लिए एक विधेयक पर विचार कर रही है। हुबली में एक बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, कर्नाटक में हिंदू धार्मिक संस्थानों को मुक्त करने के लिए एक विधेयक लाने का प्राथमिक लक्ष्य उन नियमों को हटाना है जो मंदिर प्रबंधन को राज्य से अनुमति लेने के लिए मजबूर करते हैं, ताकि वे विकास के लिए अपनी आय का उपयोग कर सकें। नए विधेयक के साथ कर्नाटक में मंदिर अपने मामलों का प्रबंधन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। उन्होंने कहा कि, ये एक ऐतिहासिक निर्णय होगा, जो पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के परामर्श के तुरंत बाद लिया जा सकता है।
A welcome declaration by @CMofKarnataka @BSBommai that by the Bugdet Session, through a law, Hindu temples in the state would be freed from govt control & on par with places of worship of other religions. Kudos to the CM & hope Karnataka leads the way for other states to follow! https://t.co/loZqOuk9VC
— Dr. Vikram Sampath, FRHistS (@vikramsampath) December 29, 2021
राज्य के अधिकारियों और नौकरशाहों और कई उपनियमों और नियमों के कारण हिंदू मंदिरों को कैसे नुकसान हुआ इसपर चर्चा करते हुए बसवराज बोम्मई ने कहा, “वे अब से अपने स्वयं के विकास की देखभाल करेंगे।” उन्होंने आगे खुलासा किया कि सरकार विधानसभा में बजट सत्र से पहले अगले कैबिनेट में विधेयक पेश करने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, “विनियमन को छोडकर, वे अपने मामलों का प्रबंधन करेंगे।”
We are mulling to (bring a bill to free temples from govt control), which will be helpful in the development of temples from the donations collected: Karnataka Home Minister Araga Jnanendra pic.twitter.com/3oipPvfACb
— ANI (@ANI) December 30, 2021
इसके अलावा, भाजपा नेता ने यह भी साझा किया कि धर्मांतरण विरोधी विधेयक, जो हाल ही में राज्य में काफी हंगामे के बीच पारित किया गया था, न केवल एक कानून बन जाएगा, बल्कि इसे लागू करने के लिए एक विशेष कार्य बल का गठन किया जाएगा।
उत्तराखंड ने मंदिरों को राज्य के नियंत्रण से मुक्त किया
इस साल की शुरुआत में उत्तराखंड सरकार ने भी मंदिरों को राज्य के नियंत्रण से मुक्त कर दिया था। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 9 अप्रैल को त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के ‘उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम’ को रद्द कर दिया था। इसके साथ, सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने का फैसला किया, जो राज्य भर में 51 मंदिरों के मामलों का प्रबंधन करता था। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद के नेताओं के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है।
2019 में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने प्रमुख हिंदू धार्मिक संस्थानों का नियंत्रण लेते हुए विधानसभा में उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम पारित किया था। इस अधिनियम ने सरकार को इसके प्रबंधन के लिए मंदिर के बोर्डों के अध्यक्ष और सदस्यों के रूप में सांसदों, विधायकों और प्रतिनिधियों को नामित करने की अनुमति दी थी।
स्रोत : रिपब्लिक