पाकिस्तान ने बुधवार को घोषणा करते हुए मुस्लिम बहुल देश में अल्पसंख्यक समुदाय के मंदिरों की देखभाल के लिए हिंदू नेताओं की पहली संस्था का गठन किया है।
धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने पहले से काम कर रहे पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की तर्ज पर पाकिस्तान हिंदू मंदिर प्रबंधन समिति का गठन किया। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पाकिस्तान हिंदू मंदिर प्रबंधन समिति की उद्घाटन बैठक की अध्यक्षता धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूर-उल-हक कादरी ने की।
After 75 years of Partition, minority Hindus in Pakistan have got the committee to look after their temples. But what is the guarantee that this will stop jihadi attacks on temples? All the Institutions and Ideas about human rights and religious freedom are not made for Hindus. pic.twitter.com/QjfQpmTMnA
— Hitesh Shankar (@hiteshshankar) December 30, 2021
इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अध्यक्ष आसिफ हाशमी ने बैठक में जानकारी दी। ईटीपीबी एक वैधानिक बोर्ड है जो विभाजन के बाद भारत में प्रवास करने वाले हिंदुओं और सिखों की धार्मिक संपत्तियों और तीर्थस्थलों का प्रबंधन करता है। कादरी ने कहा, समिति हिंदू पूजा स्थलों से संबंधित मामलों की देख-रेख करेगी।
हिंदू समुदाय की मांग पर समिति बनाकर रचा इतिहास : समिति अध्यक्ष
समिति में दीवान चंद चावला, हारून सरब दयाल, मोहनदास, नारंजन कुमार, मेघा अरोड़ा, अमित शदानी, अशोक कुमार, वर्सी मिल दीवानी और अमर नाथ रंधावा होगें जिसके अध्यक्ष कृष्णा शर्मा होंगे। कृष्णा शर्मा ने कहा, पाकिस्तान ने हिंदू समुदाय की मांग पर समिति बनाकर इतिहास रच दिया है।
कादरी ने कहा कि, पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जा रहा है और समिति का गठन पाकिस्तानी हिंदू समुदाय के मुद्दों को सुलझाने में सहायक होगा।
मंत्री ने कहा कि, धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के बावजूद, सहिष्णुता और एक-दूसरे की स्वीकृति मानवता है, यह कहते हुए कि दुष्ट तत्व पाकिस्तान में धर्म, संप्रदाय और भाषा विज्ञान के आधार पर टकराव चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नई समिति गैर-मुस्लिम आबादी और राज्य के बीच एक सेतु का काम करेगी।
स्रोत : अमर उजाला