जीसस के सन्देश को फैलाने के लिए करता था यह काम
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कर्नाटक में एक ईसाई व्यक्ति देवदास जॉन देसाई को मंगलुरु पुलिस ने मंदिरों के दानपात्र में उपयोग में लाए हुए निरोध डालने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस कई दिनों से इसकी खोज कर रही थी।
मंगलुरु में कई दिनों से मन्दिरों के दानपात्र में उपयोग में लाए हुए निरोध डाले जाने की घटनाएं बढ गयी थीं और पांच मंदिरों के पुजारियों ने इसकी शिकायत की थी। पुलिस दोषी को पकडने में बार बार नाकाम हो रही थी। परन्तु पुलिस को अंतत; सफलता मिली जब 27 दिसंबर को कोराज्जना कत्ते गांव में मंदिर में ऐसी ही घटना हुई और मंदिर प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज पुलिस को सौंपा और साथ ही आसपास के क्षेत्रों की जांच की गयी, जिसमें देखा गया कि एक संदिग्ध व्यक्ति दानपात्र में कुछ डाल रहा है और उस जगह से जा रहा है।
पुलिस ने सूचित किया कि, आरोपी केवल मंदिर ही नहीं अपिुत गुरुद्वारा और मस्जिद को भी अपवित्र कर चुका है।
पुलिस कमिश्नर शशिकुमार ने कहा कि “आरोपी अपने पिता की पीढी से ईसाई धर्म का अनुयायी है। वह कई साल पहले ही अपने बच्चे और बीवी को छोड चुका है और वह कट्टर ईसाई है।”
पुलिस का कहना है कि, वह दुसरे लोगों को ईसाई धर्म मानने के लिए यह सब करता था। वह ईसाईयत को ही फैलाना चाहता था। वह एक ऑटो ड्राइवर का काम करता था, परन्तु बढती उम्र के कारण उसका काम छूट चुका है। और अब वह अपनी आजीविका के लिए प्लास्टिक इकट्ठा करके कबाड में बेचता है।
आरोपी ने पुलिस को बताया कि, वह इन पांच स्थानों के साथ ही कुल 18 स्थानों पर ऐसा कर चुका है। ‘
अब उसका एक वीडियो भी सामने आया है :
Listen to Devadas S/o John Desai, a 62yrs old honest & sincere individual who is following his book.
He desecrated 18+ temples, gurdwaras by putting used condoms.
1/n pic.twitter.com/bWxPjNV61f
— भारत पुनरुत्थान Bharata Punarutthana (@punarutthana) December 30, 2021
इसमें वह कह रहा है कि, उसने यह काम जीसस के संदेशों को फ़ैलाने के लिए किया। उसने कहा कि वह पिछले पंद्रह वर्षों से जीसस के संदेश फैला रहा है। बाइबिल कहती है कि जीसस के अलावा कोई भगवान नहीं है और वह इसलिए यह निरोध डालता था जिससे अशुद्ध उपहार अशुद्ध जगहों पर जाएं। उसने कहा कि उसे किसी भी तरह से किसी भी बात का पछतावा नहीं है। और उसने कहा कि गॉड ने उसे 70 सालों की ज़िन्दगी दी है, जिसमें से वह 62 साल का तो हो गया है।
हालांकि कई मामलों की तरह ऐसा भी कई लोग कह सकते हैं कि, वह मानसिक बीमार हो सकता है, तो यह भी गलत निकला, जब उसने कहा कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ है और वह सब कुछ पढ लिख सकता था, वह पूछे जाने वाले सभी सवालों के जबाव दे रहा था और जिससे यह एकदम स्पष्ट होता है कि, उसे इस विषय में तनिक भी संदेह नहीं था कि वह क्या कर रहा है? अर्थात उसने पूरे होशोहवास में यह काम किया था।
वह इनके साथ जीसस के सन्देश भी डालता था क्योंकि उसकी दृष्टि में बाइबिल और जीसस ही अंतिम सत्य हैं और वह चाहता था कि सभी जीसस के रस्ते पर चलें।
स्रोत : हिन्दू पोस्ट