सिंधुदुर्ग जनपद में प्रशासन को ज्ञापन प्रस्तुति
सिंधुदुर्ग : हिन्दू जनजागृति समिति के सिंधुदुर्ग जनपद समन्वयक श्री. संदेश गावडे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और सांस्कृतिक मंत्री को ज्ञापन प्रस्तुत कर यह मांग की है कि छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिन्दवी स्वराज्य की निर्मिति में किलों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है । छत्रपति शिवाजी महारा ने समुद्री मार्ग से होनेवाले आक्रमणों को तोड डालने हेतु स्वयं की नौसेना और जलदुर्गाें की निर्मिति की । इस नौसेना के माध्यम से उन्होंने अंग्रेज, डच, फ्रेंच, पोर्तुगीज आदि विदेशी आक्रांतोंओं को परास्त कर स्वराज्य की रक्षा की; इसलिए शिवाजा महाराज को ‘फादर ऑफ इंडियन नेवी’ भी कहा जाता है । ये जलदुर्ग शिवाजी महाराज के दुर्ग निर्माण प्रौद्योगिकी के अभूतपूर्व अविष्कार ही हैं । छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके सैनिकों के पराक्रम के साक्षी बने इन जलदुर्गाे में से सिंधुदुर्ग जनपद में स्थित विजयदुर्ग एक किला है । दुर्भाग्यवश आज इस किले की स्थिति अत्यंत दयनीय बन गई है; इसलिए इस किले का संवर्धन होना आवश्यक है । उसके लिए संबंधित विभागों को तत्काल उचित आदेश दिए जाएं । मुख्यमंत्री एवं सांस्कृतिक मंत्री को सिंधुदुर्ग के ओरोस में जिलाधिकारी के माध्यम से, साथ ही जनपद के मालवण, देवगढ एवं सावंतवाडी के तहसीलदार के माध्यम से यह ज्ञापन प्रस्तुत किया गया ।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि,
१. विजयदुर्ग किले की तटबंदी पर घास और पेड बढ गए हैं । किले पर ‘जिबी का दरवाजा’ नाम से फलक है; परंतु वहां दरवाजा ही नहीं है, साथ ही महाद्वार के भी दरवाजे नहीं हैं । कई स्थानों पर तटबंदी गिर चुकी है । देवडी एवं नगाडखाने की दयनीय स्थिति है । किले पर भगवा ध्वज नहीं लगाया गया है । निरीक्षण बुर्ज में स्थित शिवमंदिर की स्थिति भी दयनीय है । किले पर श्री भवानीदेवी मंदिर के बिना है । तालाब की भी दुर्दशा हुई है । इस प्रकार से किले की दुस्थिति बन गई है ।
२. उक्त स्थिति सर्वसामान्य व्यक्ति के ध्यान में आती है, तो पुरातत्त्व विभाग के ध्यान में क्यों नहीं आती ? इसकी ओर समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो हम इस ऐतिहासिक धरोहर से सदा के लिए वंचित रह सकते हैं ।
३. आनेवाली पीढी में राष्ट्र के प्रति निष्ठा और जाज्वल्य अभिमान जागृत करने के लिए ऐसे किलों का जतन और संवर्धन होना आवश्यक है । सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस किले की दुस्थिति क ेलिए उत्तरदायी संबंधित सभी प्रशासनिक अधिकारियों की जांच कर दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही भी की जाए ।
४. आप हमारी मांगों का संज्ञान लेकर तत्परता से कार्यवाही करेंगे, यह हमारी अपेक्षा है । विजयदुर्ग किले का तुरंत ही संवर्धन करने का निर्णय नहीं किया, तो आवश्यकता पडने पर जनआंदोलन भी किया जाएगा ।
५. कृपया इस विषय में आपकी ओर से की जानेवाली कार्यवाही के विषय में हमें समय-समय पर अवगत किया जाए, यह आपसे अनुरोध है ।
✊?Demand for issue of orders for development of Historic Vijaydurg Fort at the earliest
? Campaign for Development of Vijaydurg ? #Save_Vijaydurg_Fort
? @SG_HJS State Coordinator @HinduJagrutiOrg
? Kindly Participate :
▫️ Wednesday, 29th December, 2021 I 4 – 7 PM pic.twitter.com/rynb1RY3za— HJS Bangalore (@HJSBangalore) December 28, 2021
जिलाधिकारी और तहसीलदार को ज्ञापन प्रस्तुति
१. मालवण : यहां के नायब तहसीलदार अनंत मालवणकर ने ज्ञापन का स्वीकार किया । इस अवसर पर सर्वश्री मधुसूदन सारंग, सुहास दुधवडकर, राजन संजय गोवेकर, शिवाजी देसाई, अशोक ओटवणेकर; युवा धर्मप्रेमी प्रणित मांजरेकर, मंदार तारी और हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
२. देवगढ : यहां के तहसीलदार श्रीकृष्ण शंकर ठाकूर को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर जामसांडे व्यापारी संगठन के अध्यक्ष श्री. राजेंद्र पाटिल, हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री आनंद मोंडकर, भास्कर खाडिलकर, दीपक कांबळी और श्री. अनिरुद्ध दहिबांवकर उपस्थित थे ।
३. सावंतवाडी : यहां के नायब तहसीलदार मनोज मुसळे को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री प्रसाद काळे, चंद्रकांत बिले, उमाजी चव्हाण आदि उपस्थित थे ।
४. जिला मुख्यालय, ओरोस : निवासी उपजिलाधिकारी दत्ता भडकवाड को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के सर्वश्री गजानन मुंज, रवींद्र परब और डॉ. अशोक महिंद्रे उपस्थित थे ।