कहा – ‘धर्मांतरण कराने वालों पर उदारता, किंतु पुजारी-मठ है बदहाल’
ओडिशा में मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित 13 संस्थानों को मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) से आर्थिक सहायता दिए जाने का विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने विरोध किया है। विहिप ने इसे राज्य सरकार की हिंदू विरोधी मानसिकता का परिचायक बताया है। 4 जनवरी 2022 को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी द्वारा संचालित संस्थानों की मदद के लिए राहत कोष से 78.76 लाख रुपए मंजूर किए थे। विहिप का कहना है कि जिन संस्थाओं को मदद प्रदान की गईं है वे राज्य में अवैध धर्मांतरण में लिप्त हैं।
विहिप महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा, “मिशनरीज ऑफ चैरिटी के लिए ओडिशा सरकार द्वारा 78 लाख रुपए मंजूर किए जाने का विहिप कड़ा विरोध करती है। यह करदाताओं का पैसा है। मिशनरीज ऑफ चैरिटी धर्मांतरण में शामिल है। किसी भी मुख्यमंत्री को हिंदुओं का धर्म परिवर्तन करने वाले संगठन को पैसा देने का अधिकार नहीं है।”
Press statement:
Financial help to missionaries is an anti-Hindu act of Odisha Govt : @MParandeVHP pic.twitter.com/9AxtW3o4nu— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) January 9, 2022
विहिप की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक परांडे ने भुवनेश्वर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या ईसाइयों के षड्यंत्र का परिणाम थी। अनेक सूत्रों से इसकी पुष्टि होती है। लेकिन इस मामले में राज्य सरकार आज तक न्याय प्रदान करने में विफल रही है। ईसाइयों के प्रति अनुकंपा और तुष्टीकरण ही इसका कारण है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में मिशनरियों द्वारा अबाध रूप से धर्मांतरण चल रहा है। राज्य विधानसभा में पारित धर्मांतरण विरोधी कानून का अनुपालन करने में भी सरकार की कोई रुचि नहीं दिखाई देती। केवल 3 प्रतिशत ईसाइयों के तुष्टीकरण के लिए प्रदेश के 97% हिंदुओं को बार-बार आघात दिया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण मुख्यमंत्री राहत कोष की राशि मिशनरियों को दिया जाना है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के समय कष्टमय जीवन जी रहे मंदिरों के पुजारियों को सरकार द्वारा किसी प्रकार का अनुदान नहीं दिया जाता। जीर्ण अवस्था के पुराने मठों की राज्य सरकार को कोई चिंता नहीं है। प्रदेश में बालाश्रम, अनाथाश्रम सहित अनेक संस्थाएँ आर्थिक दुर्गति का सामना कर रही हैं। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कभी अपने रिलीफ़ फंड से उन संस्थाओं के प्रति सहयोग का हाथ नहीं बढ़ाया। लेकिन ईसाई मिशनरियों को उदार भाव से अनुदान दिया जा रहा है। सरकार के इस दोहरे मापदंड और हिन्दू विरोधी मानसिकता का विहिप विरोध करती है।
स्रोत : Opindia