पाकिस्तान भले ही भारत पर झूठे आरोप मढ रहा हो, लेकिन धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर वहीं पर प्रश्न उठते रहे हैं। पाकिस्तान के अल्पसंख्यक पार्षदों ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जताई, क्योंकि देश में धर्मांतरण बढ रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाक में जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों में 70 प्रतिशत से ज्यादा नाबालिग लडकियां शामिल हैं। ‘द नेशन’ के अनुसार, देश में ऐसे मामले 2020 में 15 थे जबकि 2021 में ये 60 से भी ज्यादा हो गए हैं। देश में हर साल 1,000 लडकियां अगवा होती हैं और उन्हें धार्मिक पहचान बदलने को बाध्य किया जाता है।
No difference in India, Pakistan, Bengladesh….Piecefulls r targetting minor Hindoo girls fr conversion since decades pic.twitter.com/jLF52mVpKI
— Rana Zorawar (@MoolCha78308469) January 11, 2022
अपहरण के बाद लडकियों की शादी कर दी जाती है और उन्हें इस प्रथा से बचाने के लिए कोशिश तक नहीं होती है। हाल ही में 13 व 19 वर्ष की दो हिंदू लडकियों को एक ईसाई लडकी के साथ अगवा कर धर्मांतरण के बाद 40 वर्षीय पुरुषों से शादी की गई। द नेशन के अनुसार, चिंता का विषय यह है कि ऐसा कोई कानून नहीं है जो ऐसी घटनाओं को रोकता हो।
द नेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार हाल की वर्षों में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और ऐसे अन्य मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस्लाम खबर ने भी एक रिपोर्ट दी है जिसके अनुसार, 1947 में पाकिस्तान के जन्म के बाद से देश में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले बढ़े हैं।
स्रोत : अमर उजाला