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सरकार द्वारा इस मामले की स्वतंत्र जांच करने का विरोध करना, यह दुर्भाग्यपूर्ण है । क्या सरकार मिशनरियों को बचाना चाहती है ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
तमिलनाडु के लावण्या खुदकुशी मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपे जाने के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। राज्य के डायरेक्टर-जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) ने मद्रास उच्च न्यायालय के मदुरै बेंच के उस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जिसमें न्यायालय ने 17 साल की लड़की के सुसाइड के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। बेंच ने कहा था कि, धर्म परिवर्तन के आरोपों को सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रकाश में लाया था और याचिकाकर्ता (लड़की के पिता) को राज्य पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है।
न्यायालय ने दिया था आदेश
31 जनवरी को जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने जांच को सीबीआई के हाथों में सौंपे जाने का आदेश दिया था और उम्मीद जताई थी कि मामले की सच्चाई सामने आ पाएगी। न्यायालय ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने न्यायालय का रूख किया और उन्होंने CB-CID जांच की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने तमिलनाडु के डीआईजी की निगरानी में इस जांच को कराए जाने की मांग की थी। इसका मतलब है कि उन्हें जिला पुलिस पर विश्वास नहीं है। लेकिन मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की।
स्रोत : लाइव हिन्दुस्थान
३१ जनवरी
तमिलनाडु : हिन्दू छात्रा का धर्मांतरण एवं आत्महत्या का मामला मद्रास उच्च न्यायालय ने CBI को सौंपा
तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मिशनरी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा के जहर खाने से हुई मौत का मामला मद्रास उच्च न्यायालय ने CBI को ट्रांसफर कर दिया है। मरने से पहले छात्रा ने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि हॉस्टल में उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी। छात्रा ने 9 जनवरी को जहर खा लिया था। उसकी 19 जनवरी को मौत हो गई थी।
Lavanya case handed over to CBI.
Thankful to Madurai High court for standing for Justice. #NationWithLavanya
— K.Annamalai (@annamalai_k) January 31, 2022
वॉर्डन पर हैं गंभीर आरोप
मद्रास उच्च न्यायालय ने इससे पहले 24 जनवरी को मौत से पहले पीड़िता का वीडियो बनाने वाले को पुलिस अधिकारियों के सामने पेश होने का आदेश दिया था। मृतका तंजावुर जिले के क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल में पढ़ती थी। आरोप है कि हॉस्टल में उसका कथिततौर पर उत्पीड़न किया जाता था। वॉर्डन उससे अपने घर का काम कराती थी। मृतका ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल करके कहा था कि उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है। जहर खाने के बाद गंभीर हालत में छात्रा को तंजावुर के मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
इस मामले में पुलिस ने हॉस्टल वार्डन को गिरफ्तार किया है। बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग(NCPCR) ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा कि वो घटनास्थल का दौरा करेगी। आयोग ने संबंधित SP को दौरे के समय मौजूद रहने को कहा है। आयोग की टीम इस दौरान मृतका के माता-पिता और स्कूल के स्टाफ से बातचीत करेगी। आयोग का आरोप है कि इस मामले में तमिलनाडु सरकार की ओर से सहयोग नहीं किया जा रहा है।
स्रोत : एशियन नेट
२१ जनवरी
तमिलनाडु : मिशनरी विद्यालय की प्रताडना तथा धर्मांतरण के दबाव से तंग आकर छात्रा ने की आत्महत्या
ईसाई धर्म अपनाने का था दबाव
ऐसे विद्यालयों की मान्यता रद्द कर देनी चाहिए तथा संबंधितों पर कडी कार्यवाही होनी चाहिए !
साथ ही मिशनरी विद्यालयों में बढ रही धर्मांतरण की घटनाओं को देखते हुए इसके लिए जांच आयोग की स्थापना कर सभीं मिशनरी विद्यायकों की जांच होनी चाहिए, ऐसे हिन्दुओं को लगता है ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति
तमिलनाडु के तंजावुर में सेक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल, तिरुकट्टुपाली में कक्षा 12 वीं में पढने वाली हिन्दू छात्रा ने आत्महत्या की। दरअसल उसपर स्कूल के अधिकारियों ने ईसाई धर्म में परिवर्तित होने का दवाब डाला। किंतु उसने इससे इनकार कर दिया, जिसके बाद स्कूल के अधिकारियों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इस प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने खुदकुशी कर लिया। बताया जा रहा है कि अधिकारियों की तरफ से उसे कहा गया कि अगर वह स्कूल में अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है तो उसे ईसाई धर्म अपनाना होगा।
छात्रा पिछले पांच वर्षों से सेंट माइकल गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थीं। यह हॉस्टल उसके स्कूल के पास ही है। सरकारी सहायता प्राप्त ईसाई मिशनरी स्कूल उस पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बना रहा था। हालांकि, छात्रा अपना धर्म नहीं छोड़ने पर अडी थी और उसने धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया। छात्रा के विरोध से नाराज स्कूल प्रशासन ने पोंगल समारोह के लिए उनकी छुट्टी का आवेदन रद्द कर दिया। छात्रा छुट्टियों में अपने घर जाना चाहती थी, लेकिन उसे स्कूल के शौचालयों की सफाई, खाना पकाने और बर्तन धोने जैसे काम करने के लिए मजबूर किया गया। कथित तौर पर प्रताड़ना से परेशान छात्रा ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए स्कूल के बगीचे में इस्तेमाल किए गए कीटनाशकों का सेवन कर लिया।
9 जनवरी की रात को छात्रा को बेचैनी और लगातार उल्टी होने के बाद स्थानीय क्लिनिक ले जाया गया। हॉस्टल के वार्डन ने उसके माता-पिता को बुलाया और उसे घर ले जाने के लिए कहा। इसके बाद छात्रा को तंजौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसका इलाज आईसीयू में चल रहा था और उसके लगभग 85 फीसदी फेफड़े में जहर पहुंच चुका था। बताया जा रहा है कि छात्रा ने 19 जनवरी,2022 को अस्पताल में अंतिम सांस ली।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें छात्रा बेहोशी की हालत में अपने साथ हुए टॉर्चर के बारे में बताती है। मूल रूप से यह वीडियो तमिल में है, जिसका अनुवाद द कम्यून ने किया है। इसके मुताबिक वीडियो में कहा गया है, “मेरा नाम — है। उन्होंने (स्कूल) मेरे माता-पिता से मेरी उपस्थिति में पूछा था कि क्या वे मुझे ईसाई धर्म में परिवर्तित कर सकते हैं और आगे की पढ़ाई के लिए मदद कर सकते हैं। चूँकि मैंने नहीं माना, वे मुझे डांटते रहे।” छात्रा ने इस दौरान राचेल मैरी का भी नाम लिया जिसने कथित तौर पर उसे प्रताड़ित किया था।
EXTREMELY SHOCKING: "They (school) asked my parents in my presence, if they can convert me to Christianity, they would help her for further studies. Since I didn’t accept, they kept torturing me. – Statement of a girl who committed suicide (1/n) pic.twitter.com/HPxkU8MpFL
— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) January 20, 2022
छात्रा के परिजन 17 जनवरी को तिरुकट्टुपल्ली पुलिस थाने के सामने जमा हो गए और स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की माँग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हॉस्टल वार्डन सगयामरी ने उसे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया था इसलिए छात्रा ने कीटनाशकों का सेवन किया था।
घटना का संज्ञान लेते हुए, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू मुन्नानी और राजनीतिक संगठन इंदु मक्कल काची जैसे हिंदू संगठनों ने छात्रा को न्याय दिलाने और हिंदुओं के धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाई है। विहिप के प्रदेश प्रवक्ता अरुमुगा कानी ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक छात्रा को न्याय नहीं मिल जाता। पहले कदम के तौर पर विहिप 19 जनवरी को तंजावुर जिला सचिव मुथुवेल के नेतृत्व में भूख हड़ताल किया। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। तब तक हम विरोध करेंगे।”
इंदु मक्कल काची के संस्थापक अर्जुन संपत ने ट्विटर पर छात्रा के निधन की सूचना दी की और स्कूल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए।
The kid died today…. pic.twitter.com/4lNu1Weonn
— Indu Makkal Katchi (Offl) ?? (@Indumakalktchi) January 19, 2022
Protest in Tanjore by BJP seeking #JusticeforLavanya and also demanding closure of the school that is allegedly involved in proselytism. #saynotoconversion pic.twitter.com/llBCLKyZtb
— karthik gopinath (@karthikgnath) January 20, 2022
स्रोत : Opindia