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उत्तर प्रदेश : विवाह का प्रमाणपत्र देने के लिए धर्मांध सरकारी कर्मचारी ने हिन्दू युवक पर धर्मांतरण करने के लिए दबाव डाला !

  • ऐसे धर्मांधों को केवल फटकार लगाने की अपेक्षा उन्हें पद से हटाकर उन पर कठोर से कठोर कार्यवाही करनी चाहिए !
  • इससे धर्मांध कर्मचारी कहीं पर भी हो; परंतु तब भी वे अपने ही धर्म का विचार कैसे करते हैं, यह बात ध्यान में आती है । – संपादक, हिन्दूजागृति

लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) – यहां के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ए.डी.एम्.) कार्यालय के कर्मचारी ने विवाह प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए हिन्दू युवक पर मुसलमान होने के लिए दबाव डाला । इस विषय में जब उसने जिलाधिकारी से शिकायत की, तब जिलाधिकारी ने उस कर्मचारी को फटकार लगाकर १ घंटे के अंदर उस युवक को विवाह का प्रमाणपत्र प्रदान करने का आदेश दिया ।

१. शहर के काशीनगर क्षेत्र का युवक तरुण गुप्ता और एक मुसलमान युवति ने परस्पर सहमति से विवाह करना सुनिश्चित किया और उसके उपरांत उन्होंने न्यायालयीन विवाह करने के लिए ए.डी.एम्. को आवेदन दिया; परंतु उस युवक को विवाह का प्रमाणपत्र देने के लिए कार्यालय में कार्यरत सरकारी कर्मचारी मोहम्मद साजिद ने टालमटोल की और उस युवक के सामने यदि उसे विवाह प्रमाणपत्र चाहिए, तो उसके लिए मुसलमान बनने की शर्त रखी और धर्मांतरण करने के उपरांत ही प्रमाणपत्र देने की चेतावनी दी ।

२. उस पीडित युवक ने इस घटना का वीडियो बना लिया था । इस युवक ने वहां के जिलाधिकारी महेंद्र बहादूर सिंह से शिकायत की । उसने जिलाधिकारी को यह वीडियो दिखाया । उसमें यह सरकारी कर्मचारी पीडित युवक पर धर्मांतरण करने के लिए दबाव बना रहा था, यह स्पष्ट हुआ । उसके उपरांत जिलाधिकारी ने उस सरकारी कर्मचारी को बुलाकर उसे फटकार लगाई और उसे निलंबित करने की चेतावनी दी ।

एलआईयू की रिपोर्ट का बना रहा था बहाना

सरकारी बाबू ने इस मामले में डीएम को भी घुमाने की कोशिश की और कहा कि एलआईयू की रिपोर्ट नहीं आई है, जिसके बिना प्रमाण पत्र जारी करना मुश्किल हो रहा है। इसके बाद डीएम ने तत्काल एलआइयू इंस्पेक्टर को तलब किया और उन्होंने बताया कि एडीएम कार्यालय को रिपोर्ट भेज दी गई है। वहीं डीएम महेन्द्र बहादुर सिंह ने नवदंपत्ति को संबंधित प्रमाण पत्र जारी किया गया ।

स्रोत : टीवी ९

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