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धनंजय देसाईजीके साथ हिंदू राष्ट्र सेनाके तीनसौ कार्यकर्ता बंदी (कैद) बनाए गए !

 वैशाख शुक्ल ७, कलियुग वर्ष ५११५

पुलिस संजय दत्तको बंदी बनाकर उसके साथ सामान्य बंदी जैसा व्यवहार करे, इस मांगको लेकर तीव्र प्रदर्शन !


मुंबई, १५ मई (वार्ता.) – संजय दत्त अपराधी है अत: पुलिस उसे उसके घरसे कैद कर, पुलिसकी गाडीमें ले जाए, उसके साथ सामान्य कैदी जैसा व्यवहार करे, आदि प्रमुख मांगें लेकर बुधवारको हिंदू राष्ट्र सेनाके तीनसौ कार्यकर्ताओंने संगठनके संस्थापक, अध्यक्ष श्री. धनंजय देसाईजीके मार्गदर्शनानुसार पाली हिल स्थित संजय दत्तके बंगलेके सामने प्रदर्शन किए । उसके पश्चात पुलिसने श्री. देसाईजीके साथ ३०० कार्यकर्ताओंको बंदी बना कर उनपर अपराध प्रविष्ट किए ।

१. ख्रिस्ताब्द १९९३ के बमविस्फोटोंके समय अवैध राइफल रखनेके अपराधमें सर्वोच्च न्यायालयने अभिनेता संजय दत्तको अपराधी घोषित करके, तथा दिए गए दंडका पुनर्विचारकी मांग करनेवाली याचिका (प्रार्थना) अस्वीकार की है । इसीके साथ उसे शरण आने हेतु अतिरिक्त समय देने हेतु इन्कार किया गया है ।
२. न्यायालयके निर्देशानुसार संजय दत्तको गुरुवाको शरण आना पडेगा; किंतु अब संजय दत्त,‘ मैं न्यायालयके सामने शरण आनेवाला हूं, मुझे एक विशिष्ट कारागृहमें रखा जाए’, ऐसी अनेकविध मांगें बुधवारको टाडा सत्र न्यायालयमें कर रहा था ।
३. इस प्रकार संजय दत्त, दिए गए दंडमें विविध प्रकारकी छूट मिले, इस हेतु प्रयत्न करने लगा है ।
४. अत: हिंदू राष्ट्र सेनाके तीनसौ कार्यकर्ताओंने हिंदू राष्ट्र सेनाके अध्यक्ष श्री. धनंजय देसाईजीके मार्गदर्शनानुसार अचानक संजय दत्तके पाली हिल स्थित बंगलेके सामने प्रदर्शन किए ।
५. शाम साढेतीन बजे कार्यकर्ताओंने बंगलेके सामने इकट्ठा होकर संजय दत्तके विरोधमें घोषणाबाजी आरंभ की । इसके एक घंटा पश्चात पुलिसने बंदी बनानेका सत्र आरंभ किया ।
६.श्री. धनंजय देसाईजीको बंदी बनाते ही कार्यकर्ताओंका उद्रेक हुआ तथा उन्होंने पुलिसकी गाडी रोकी, उस अवसरपर श्री. देसाईजीके आवाहनानुसार कार्यकर्ता शांत हुए ।
 ७. इसके पश्चात श्री. देसाईजीके साथ कार्यकर्ताओंपर अपराध प्रविष्ट किया गया । प्रदर्शनके समय बंगलेमें संजय दत्त तथा प्रिया दत्त उपस्थित ! निदर्शनके समय बंगलेमें संजय दत्त, उसकी पत्नी तथा बहन, सांसद प्रिया दत्त उपास्थित थे । उसी समय अभिनेता अजय देवगण संजय दत्तसे मिलने आया था; किंतु प्रदर्शन होते  देखकर वह वापस चला गया ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात 

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