‘क्रूर टीपू सुलतान : दक्षिण भारत का औरंगजेब’ इस ऑनलाइन विशेष संवाद में मान्यवरों के विचार !
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘क्रूर टीपू सुलतान : दक्षिण भारत का औरंगजेब?’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद आयोजित किया गया था । इसमें इतिहास और संस्कृति के अभ्यासक-लेखक तथा अधिवक्ता सतीश देशपांडे ने कहा कि, टीपू सुलतान और औरंगजेब को भारतीय संस्कृति से कुछ लेना-देना नहीं था । टीपू के शासनकाल में हिंदुओं के मंदिरों का विध्वंस किया गया, हिन्दुओं की हत्या की गई, हिन्दू महिलाओं पर बलात्कार किया गया, हिंदुओं का बलपूर्वक धर्मांतरण किया गया । टीपू सुलतान ने हिन्दू संस्कृति के विनाश का ही कार्य किया है, यह इतिहास में उपलब्ध है । ऐसी स्थिति में टीपू सुलतान का भारतीयीकरण कर, उसे आदर्श मानकर कोई राष्ट्रीय नायक बनाने का प्रयत्न कर रहा हो, तो यह भारतीयों के जले पर नमक छिडकने के समान है । भारत कभी टीपू को नायक के रूप में स्वीकार नहीं करेगा । टीपू सुलतान खलनायक था और खलनायक ही रहेगा ।
इस संवाद में विश्व हिन्दू परिषद के महाराष्ट्र और गोवा क्षेत्रमंत्री श्री. शंकर गायकर ने कहा कि, हिंदुओं ने शिथिलता और सद्गुण विकृति के कारण स्वयं की बहुत हानि कर ली है । क्रूरकर्मा टीपू सुलतान का महिमामंडन इस देश में नहीं होना चाहिए । टीपू सुलतान का उदात्तीकरण रोकना सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों और सर्व हिन्दुओं का दायित्व है ।
इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र और छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट ने कहा कि, आज अल्पसंख्यकों की चापलूसी करने के लिए टीपू सुलतान और मुगल आक्रमणकारियों का उदात्तीकरण किया जाता है । केवल राजनीतिक दल ही नहीं, अपितु वर्तमान शिक्षा व्यवस्था अल्पसंख्यकों की चापलूसी करते हुए हमें गलत इतिहास सिखा रही है, इस इतिहास को परिवर्तित करना चाहिए । मुंबई स्थित अवैध ‘टीपू सुलतान क्रीडासंकुल’ पर जब तक कठोर कार्यवाही नहीं होती, तब तक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन विरोध करते ही रहेंगे ।
हिन्दवी स्वराज्य विरोधी’ टीपू सुलतान का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में क्रीडासंकुल को क्यों ? क्रीडासंकुल का नामकरण तत्काल निरस्त करें ! – हिन्दू जनजागृति समिति की मुंबई महानगरपालिका आयुक्त से मांग
मालवणी स्थित क्रीडासंकुल को क्रूरकर्मा टीपू सुलतान का नाम देने का कोई भी वैधानिक प्रस्ताव नहीं है, ऐसा मुंबई की महापौर श्रीमती किशोरी पेडणेकर और राज्य के पर्यावरणमंत्री मा. श्री. आदित्य ठाकरे ने कहा है । इससे यह स्पष्ट होता है कि क्रीडासंकुल का ‘टीपू सुलतान’ यह नामकरण अवैधानिक है । टीपू सुलतान ‘हिन्दवी स्वराज्य विरोधी’ था । उसके नाम का क्रीडासंकुल छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में क्यों ? ऐसा प्रश्न उपस्थित करते हुए इस क्रीडासंकुल का नामकरण निरस्त करें तथा इस क्रीडासंकुल के प्रवेशद्वार पर लगाया गया ‘टीपू सुलतान क्रीडासंकुल’ यह फलक तुरंत हटाया जाए, ऐसी मांग आज हिन्दू जनजागृति समिति ने की है । इस मांग के ज्ञापन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सतीश सोनार ने राज्य के मुख्यमंत्री, मुंबई की महापौर और मुंबई महानगरपालिका आयुक्त के कार्यालय में दिए हैं ।