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‘सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण – लैंड जिहाद ?’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद !

इस्लामी अतिक्रमण रोकने के लिए जागरूक नागरिक पुलिस को शिकायतें करने के लिए आगे आएं अन्यथा आगे हिन्दुओं के लिए कठिन स्थिति ! – अधिवक्ता उमेश शर्मा, सर्वोच्च न्यायालय

मार्ग, पुल, स्थानक आदि स्थानों पर अतिक्रमण कर मस्जिदों, मजारों का निर्माण, यह दिल्ली, गुरुग्राम जैसे शहरों में नित्य की बात है और इसका विरोध करने से वक्फ बोर्ड उनके लिए दौडकर आता है । अपने परिसर में दिखाई देनेवाले ऐसे अतिक्रमण रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन से प्रत्यक्ष अथवा ऑनलाइन शिकायतें प्रविष्ट करने के लिए जागरूक नागरिकों को आगे आना आवश्यक है । उचित प्रकार से शिकायत प्रविष्ट करने से उन्हें निश्‍चित ही हस्तक्षेप करना पडेगा । ये अतिक्रमण रोकने के लिए यदि अभी प्रयत्न नहीं किए गए, तो आगे चलकर हिन्दुओं के लिए कठिन हो जाएगा, ऐसा प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता उमेश शर्मा ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा  आयोजित ‘सरकारी भूमिपर अवैध अतिक्रमण  लैंड जिहाद ?’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।

अखिल भारत हिन्दु महासभा के अध्यक्ष श्री. सुरेश जैन ने कहा कि, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि राज्यों में दुर्ग और किलों पर अवैध मस्जिदों का निर्माण किया गया है । यहां की सरकारें मूक-बधिर हो गई हैं । हिन्दुओं को आगे आकर इसका विरोध करना चाहिए । हिन्दू अब जागृत हो रहे हैं । ये अतिक्रमण रोकने के लिए हमारे संगठन की ओर से सर्व प्रकार से विरोध करेंगे ।

कर्नाटक के उच्च न्यायालय की अधिवक्ता मीरा राघवेंद्र ने कहा कि, संपूर्ण देश के विविध राज्यों में रास्ते, सरकारी संपत्ति आदि पर अतिक्रमण कर मस्जिदें बनाने की घटनाएं बढ रही हैं । यह प्रारंभ हुआ लैंड जिहाद रोकने के लिए हमारे देश में कानून बनाने की आवश्यकता है । आज हमारे देश में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है कि, हिन्दू असुरक्षित हो गए हैं । हिन्दुओं को विविध प्रकार से कार्य करते समय कानून की सहायता मिलना आवश्यक है ।

हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा ने कहा कि, कर्नाटक राज्य के बंगलुरू स्थित रेलवे स्थानक के प्लेटफॉर्म पर श्रमिकों के विश्रामगृह का रूपांतरण मुसलमानों ने मस्जिद में कर दिया था । गत 10 वर्षों से चल रहे इस अवैध रूपांतरित मस्जिद का हिन्दू जनजागृति समिति सहित अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने विरोध किया । इस प्रकरण में रेलवे प्रशासन को हस्तक्षेप करना पडा । परिणाम स्वरूप यहां के विश्राामगृह से मस्जिद के निशान हटाकर उसका मूल स्वरूप बनाना पडा । इस संदर्भ में दोषी रेलवे अधिकारियों पर अभी तक कार्यवाही नहीं हुई है । बंगलुरू सहित देश में विविध स्थानों पर सरकारी और अन्य भूमि पर अतिक्रमण हो रह हैं तथा यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से संकटदायक है । हिन्दुओं को जागृत होकर यह रोकने के लिए आगे आना चाहिए ।

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