कराची – पाकिस्तान में न्यायालय ने एक हिंदू शिक्षक को झूठे आरोप के बाद भी 25 साल कैद की सजा सुना दी। एक छात्र ने नोटन लाल नाम के शिक्षक पर आरोप लगाया था कि, उर्दू क्लास के दौरान उन्होंने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया। मोहम्मद एहतिशाम ने बाद में मान भी लिया था कि उसने नोटन लाल पर झूठा आरोप लगाया, लेकिन न्यायालय ने दबाव में आकर शिक्षक को सजा सुना दी। ये घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी में साल 2019 में हुई थी। नोटन लाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। छात्र के झूठे आरोपों के बाद घोटकी में हिंदुओं के खिलाफ दंगा भी हुआ था। इस दंगे को मियां मिट्ठू ने भडकाया था। मियां मिट्ठू पर दर्जनों हिंदू और सिख लडकियों को अगवा कर उन्हें जबरन मुसलमान बनाने का आरोप लगता रहा है।
Notan mal was accused of false Blasphemy back in 2019 by his student which led to huge riots, attacks on Temple and the school, has now been sentenced to 25 years of jail. Once again the blasphemy law has been misused in #Pakistan #EndBlasphemyAgainstMinorities@ShireenMazari1 https://t.co/hXDNyunBht
— Voice of Pakistan Minority (@voice_minority) February 8, 2022
#BREAKING: Innocent Hindu minority teacher Notan Lal in Pakistan sentenced to 25 years in prison for allegedly insulting Prophet Muhammad during an Urdu lesson. Accusation came from a student Muhammad Ihtisham who later said he had lied. Yet courts convicted him under pressure. pic.twitter.com/Y8urpp33Kg
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) February 8, 2022
नोटन लाल के मामले ने दुनियाभर का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी संबंधी आयोग ने भी इस मामले में पाकिस्तान को घेरा था। अमेरिका ने नोटन लाल को रिहा करने के लिए भी पाकिस्तान पर दबाव डाला था, लेकिन उनकी रिहाई नहीं हो सकी। नोटन लाल आरोपों के बाद से ही जेल में थे। अब न्यायालय ने सजा सुनाकर नोटन को बाकी जिंदगी जेल में रहने की सजा दे दी है। पाकिस्तान के तमाम हिंदू सिख और ईसाई इस तरह के झूठे आरोपों को लगातार झेलते रहते हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों पर इस्लाम के खिलाफ बोलने का आरोप लगाकर उन्हें प्रताड़ित करने का खेल वहां खेला जाता है।
वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस की चेयरपर्सन रूबिना ने कहा कि पाकिस्तान की इमरान सरकार कराची मसले से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर ऐसा कर रही है । यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. इसके जरिए हिंदू सिंधियों का दमन करने के साथ ही भयभीत करने का प्रयास किया जा रहा है ।
Rubina Greenwood, Chairperson of World Sindhi Congress on Hindu Principal booked under blasphemy law in Sindh, Pakistan: It is fully politically motivated, this case is linked with our overall systematic suppression and bullying of Hindu Sindhis. #Geneva https://t.co/4ePMPpUgNo
— ANI (@ANI) September 16, 2019
बीते साल कई हिंदू और सिख लड़कियों को कट्टरपंथियों ने अगवा कर उन्हें मुसलमान बना दिया था और शादी कर दी थी। इसके अलावा हिंदुओं के कई मंदिरों को भी आग के हवाले किया था। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान लगातार कहते रहे कि ऐसी घटनाओं को रोकेंगे, लेकिन नोटन लाल के साथ हुआ वाकया बता रहा है कि उनकी सरकार आंखें मूंदकर कट्टरपंथियों की जिद के आगे सरेंडर कर चुकी है। पाकिस्तान में आसिया बीबी का मामला भी काफी गरमाया था। आसिया ईसाई हैं। उनपर भी धर्म विरोधी बात करने का आरोप लगाकर जेल भेजा गया था। बाद में कनाडा ने आसिया बीबी को शरण दी थी और उनकी जान बच गई थी।
स्रोत : बीबीसी लाइव