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पाक में हिंदू शिक्षक को 25 साल की कैद, छात्र ने लगाया था पैगंबर मोहम्मद के अपमान का झूठा आरोप

कराची – पाकिस्तान में न्यायालय ने एक हिंदू शिक्षक को झूठे आरोप के बाद भी 25 साल कैद की सजा सुना दी। एक छात्र ने नोटन लाल नाम के शिक्षक पर आरोप लगाया था कि, उर्दू क्लास के दौरान उन्होंने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया। मोहम्मद एहतिशाम ने बाद में मान भी लिया था कि उसने नोटन लाल पर झूठा आरोप लगाया, लेकिन न्यायालय ने दबाव में आकर शिक्षक को सजा सुना दी। ये घटना पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी में साल 2019 में हुई थी। नोटन लाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। छात्र के झूठे आरोपों के बाद घोटकी में हिंदुओं के खिलाफ दंगा भी हुआ था। इस दंगे को मियां मिट्ठू ने भडकाया था। मियां मिट्ठू पर दर्जनों हिंदू और सिख लडकियों को अगवा कर उन्हें जबरन मुसलमान बनाने का आरोप लगता रहा है।

नोटन लाल के मामले ने दुनियाभर का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी संबंधी आयोग ने भी इस मामले में पाकिस्तान को घेरा था। अमेरिका ने नोटन लाल को रिहा करने के लिए भी पाकिस्तान पर दबाव डाला था, लेकिन उनकी रिहाई नहीं हो सकी। नोटन लाल आरोपों के बाद से ही जेल में थे। अब न्यायालय ने सजा सुनाकर नोटन को बाकी जिंदगी जेल में रहने की सजा दे दी है। पाकिस्तान के तमाम हिंदू सिख और ईसाई इस तरह के झूठे आरोपों को लगातार झेलते रहते हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों पर इस्लाम के खिलाफ बोलने का आरोप लगाकर उन्हें प्रताड़ित करने का खेल वहां खेला जाता है।

वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस की चेयरपर्सन रूबिना ने कहा कि पाकिस्तान की इमरान सरकार कराची मसले से ध्यान भटकाने के लिए जानबूझकर ऐसा कर रही है । यह पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. इसके जरिए हिंदू सिंधियों का दमन करने के साथ ही भयभीत करने का प्रयास किया जा रहा है ।

बीते साल कई हिंदू और सिख लड़कियों को कट्टरपंथियों ने अगवा कर उन्हें मुसलमान बना दिया था और शादी कर दी थी। इसके अलावा हिंदुओं के कई मंदिरों को भी आग के हवाले किया था। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान लगातार कहते रहे कि ऐसी घटनाओं को रोकेंगे, लेकिन नोटन लाल के साथ हुआ वाकया बता रहा है कि उनकी सरकार आंखें मूंदकर कट्टरपंथियों की जिद के आगे सरेंडर कर चुकी है। पाकिस्तान में आसिया बीबी का मामला भी काफी गरमाया था। आसिया ईसाई हैं। उनपर भी धर्म विरोधी बात करने का आरोप लगाकर जेल भेजा गया था। बाद में कनाडा ने आसिया बीबी को शरण दी थी और उनकी जान बच गई थी।

स्रोत : बीबीसी लाइव

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