Menu Close

जिस व्यवस्था में प्रजा का कोई विचार न हो, क्या उस व्यवस्था को गणतंत्र कहा जा सकता है ? – कु. नारायणी शहाणे, हिन्दू जनजागृति समिति

मुंबई, ठाणे एवं रायगढ जनपदों के धर्मप्रेमी युवक-युवतियों के लिए आयोजित किया गया ऑनलाइन शौर्यजागृति व्याख्यान !

मुंबई : आज ३२ वर्ष उपरांत भी कश्मीरी हिन्दू अपने ही देश में विस्थापितों का जीवन व्यतीत कर रहे हैं । भारतियों को ब्रिटिशों के मुन्शी बनाने के लिए लागू की गई मेकैले की शिक्षापद्धति का स्वतंत्रता के ७४ वर्ष उपारंत भी उपयोग किया जा रा है । देश के विविध न्यायालयों में महिलाओं पर अत्याचार के १ लाख ६३ सहस्र अभियोग लंबित हैं । इसका अर्थ यही है कि इन अभियोगों से संबंधित करोडों लोग न्याय से वंचित हैं अर्थात जिस देश में प्रजा का विचार नहीं होता, क्या उस व्यवस्था को गणतंत्र कहा जा सकता है ? अतः इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु इस देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना ही एकमात्र उपाय है और उसके लिए हिन्दुओं का संगठन आवश्यक है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति की युवा संगठक कु. नारायणी शहाणे ने किया । मुंबई, ठाणे एवं रायगढ जपदों के धर्मप्रेमी युवक-युवतियों के लिए आयोजित ऑनलाइन शौर्यजागृति व्याख्यान में वे ऐसा बोल रही थी । कई धर्मप्रेमियों ने इस व्याख्यान का लाभ उठाया ।

श्रीमती मयुरी शिंदे ने इस व्याख्यान का सूत्रसंचालन किया । आरंभ में श्रीमती मधुरा नेज्जूर ने शौर्यजागृति व्याख्यान का उद्देश्य स्पष्ट किया । व्याख्यान के अंत में श्री. हेमंत पुजारे ने संपूर्ण वन्दे मातरम् का अर्थ विशद किया और उसके गायन से व्याख्यान का समापन किया गया । इस अवसर पर कई युवक-युवतियों ने प्रशिक्षणवर्ग में सम्मिलित होने की इच्छा प्रकट की ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *