कोच्चि : भारत की धरती पर पाए जाने वाली जड़ी-बूटियों और औषधीय पेड़-पौधों की दुनिया मुरीद हो रही है। आयुर्वेदिक और प्राकृतिक पद्धतियों से देश में हो रहे उपचार को अफ्रीकी देश भी अपनाना चाहते हैं। अफ्रीकी गरीब देश आयुर्वेद को उपचार पद्धति के रूप में अपने देश में प्रसार करना चाहते हैं। केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा ने आयुर्वेद को केन्या में बेहतर ढंग से प्रसारित करवाने के लिए इच्छा जताई है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इसके लिए सहयोग मांगे हैं।
बेटी के इलाज से आश्चर्यचकित और उत्साहित हैं पूर्व प्रधानमंत्री
दरअसल, केन्या के पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा काफी दिनों से अपनी बेटी के आंखों के इलाज को लेकर परेशान थे। बेटी के आंखों की रोशनी लगातार जा रही थी। दुनिया के कई देशों में इलाज कराने से कोई फायदा नहीं मिला। हालांकि, इसी बीच उनको आयुर्वेद पद्धति के बारे में पता लगा। इसके बाद वह भारत के केरल राज्य में बेटी का इलाज कराने पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उनकी बेटी का इलाज शुरू हुआ। करीब तीन सप्ताह के इलाज के बाद उनकी बेटी के इलाज को लेकर आशा की किरण जागृत हुई। हुआ यह कि तीन सप्ताह के इलाज के बाद भी पूर्व प्रधानमंत्री के बेटी की आंखों की रोशनी बढने लगी और उनको दिखने में फर्क भी दिखाई देने लगा।
केन्या में भी आयुर्वेद से इलाज शुरू कराएंगे : पूर्व प्रधानमंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा ने बताया कि वह केरल के कोच्चि में अपनी बेटी की आंखों के इलाज के लिए भारत आए थे। तीन सप्ताह के उपचार के बाद उनकी आंखों की रोशनी में काफी सुधार हुआ। कहा कि मेरे परिवार के लिए यह बहुत बड़ा आश्चर्य था कि हमारी बेटी लगभग सब कुछ देख सकती है।
ओडिंगा ने कहा कि इन पारंपरिक दवाओं के इस्तेमाल से आखिरकार उनकी आंखों की रोशनी वापस आ गई और इससे हमें काफी आत्मविश्वास मिला। मैंने इस उपचार पद्धति (आयुर्वेद) को अफ्रीका में लाने और चिकित्सा के लिए हमारे स्वदेशी पौधों का उपयोग करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा की है।
स्रोत : एशियन नेट