बांग्लादेश के चटगांव से एक हिंदू परिवार के पांच लोगों की मंगलवार (8 फरवरी, 2022) को एक तेज रफ्तार गाडी से टक्कर के कारण मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। माना जा रहा है कि इस हादसे को योजनाबद्ध पद्धति से किया गया है। यह घटना बांग्लादेश के चटगांव डिवीजन के कॉक्स बाजार जिले के चकरिया उपजिला में घटी।
After a feud with Muslim Radicals, five brothers from a Hindu family were killed in a premeditated car Accident, which was turned over again to confirm death.#Bangladesh #SaveBangladeshiHindus #SaveHindus pic.twitter.com/QBqw2p2f2w
— Surajit Barman (@SJBarma) February 12, 2022
हादसा इतना भयानक था कि, एक ही परिवार के पांच लोगों की मौके पर मौत हो गई। जबकि इसमें घायल हुए तीन अन्य लोगों में से एक चटगांव के अस्पताल में जिंदगी औऱ मौत के बीच जूझ रहा है। पीडित परिवार की सदस्य मुन्नी सुशील ने इस घटना को हत्या करार दिया है। उसने बताया कि इस टार्गेटेड आक्रमण में उसने अपने पांच भाई खोए हैं, जबकि दो भाई और एक बहन घायल हुए हैं।
इस हमले में जिनकी मौत हुई वो पांच भाई डॉक्टर अनुपम सुशील (47), निरुपम सुशील (45), दीपक सुशील (40), चंपक सुशील (30) और स्वर्ण सुशील (24) हैं। 10 दिन पहले ही उनके पिता सुरेश सुशील की मौत हो गई थी। उन्हीं के अंतिम संस्कार के तौर पर घटना वाले दिन परिवार के सभी सात बेटे और दो बेटियाँ मंदिर में पूजा करने के लिए जा रहे थे। लौटते वक्त सुबह करीब पांच तेज रफ्तार पिकअप गाडी ने उन्हें ठोंक दिया। उनके ऊपर गाडी चढ़ाने के बाद वो कॉक्स बाजार की तरफ चली गई। इस हमले में सातों घायल हुए थे, जिनमें से पांच की छत्ताग्राम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत हो गई।
वहीं रक्तिम सुशील की हालत गंभीर बताई जा रही है, जबकि दूसरे भाई प्लाबन सुशील की हालत स्थिर है। बहन हीरा सुशील के पैर का ऑपरेशन करना पडा है।
इस घटना को याद कर वो कहती हैं, “दुर्घटना वाले दिन मेरे 6 भाई और एक बहन सडक से करीब दो फीट की दूरी पर थे। जबकि मैं और मेरा भाई सडक पर थे। पिकअप वाले ने हम दोनों को ठोकर मारने की जगह मेरे भाइयों को कुचल दिया। इसके बाद वो फिर से लौटा औऱ मेरे भाइयों और मेरी बहन को कुचल दिया।”
मुन्नी ने बताया, “पिछले चार दिनों से हमने कुछ भी नहीं खाया। मैं अपने भाइयों के छोटे बच्चों को देखकर सह नहीं पा रही हूं। पूरी परिवार अमानवीय स्थिति में जी रहा है।” मुन्नी ने इस घटना को सोची-समझी हत्या करार दिया और कहा कि यदि ये साजिश नहीं थी तो सडक पर खडे हम दोनों को मारने के की जगह सडक से दूर मेरे भाइयों को क्यों कुचल दिया ?
इसके पीछे का कारण बताते हुए मुन्नी कहती हैं कि 29 जनवरी 2022 को 40-50 लोगों की भीड ने उसके परिवार पर हमला किया था। उस घटना के एक दिन बाद ही उसके पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुन्नी कहती हैं कि उनके पिता इस इलाके में दुर्गा पूजा आयोजित करते थे, जिससे इस्लामी कट्टरपंथी पहले से ही चिढ़े हुए थे। पिछले महीने जनवरी में विदेश में रहने वाला उसका भाई दीपक सुशील हसीनापारा इलाके में छोटा सा मंदिर बनाने के लिए 4000 ईंट और बजरी लेकर आया था, जिससे मुस्लिम नाराज हो गए थे।
इस गांव में करीब 30-35 हिंदू परिवार रहते हैं, लेकिन जब से मंदिर का निर्माण शुरू किया गया था तभी से मुन्नी के पिता को धमकाया जाने लगा था। अपने बच्चों को खोने वाली मां मृणालिनी सुशील ने रोते हुए कहा, “मैं अपने पांचों बेटों में पोते-पोतियों के साथ किसके पास जाऊंगी ? अगले सोमवार को चंपक की बेटी एक महीने की हो जाएगी। मेरे बच्चों ने कभी किसी का कोई अहित नहीं किया। मेरे पांच बच्चों को इस तरह क्यों मारा गया ?”
29 जनवरी 2022 को हुए हमले के बारे में मृणालिनी बताती हैं कि, उन्होंने हम पर हमला किया, क्योंकि हम एक मंदिर बनाना चाहते थे। लेकिन हम हमलावरों नहीं पहचान पाए। मृणालिनी ने ये भी बताया कि 29 जनवरी को जब हमला हुआ था तो उन्होंने अपने दो बच्चों को तो बिस्तर के नीचे छिपा दिया था। शुक्रवार को सभी मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें पांचों की पत्नियां शामिल हुईं।
हमले में जीवित बचे भाई प्लाबन चंद्र सुशील ने चकरिया थाने में केस दर्ज कराया है। पुलिस ने घटना वाले दिन ही गाडी को बरामद कर लिया, जबकि उसका ड्रायवर सहिदुल इस्लाम उर्फ सैफुल फरार हो गया था। लेकिन शुक्रवार को उसे भी ढाका के मोहम्मदपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। उसने ये कबूल कर लिया है कि हादसे वाले दिन वो ही गाडी चला रहा था। लेकिन हत्या की बात से वो इनकार कर रहा है। उसका कहना है कि कोहरे के कारण उसे कुछ दिखा नहीं था और गाडी तेज होने से वो उसे कंट्रोल नहीं कर पाया। उसने ये भी बताया कि वो उन्हें देखने के लिए वापस लौटा था, लेकिन गाडी के मालिक ने उसे रुकने के बजाय गाडी तेजी से भगाने के लिए कहा था। इस घटना के बाद से गाडी का मालिक महमूदुल करीम फरार है।
हालांकि, गाडी के ड्रायवर की कहानी के मानने से इनकार करते हुए हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के कॉक्स बाजार के अध्यक्ष दीपांकर बरुआ और सचिव प्रियतोष शर्मा ने इस घटना को पूर्व नियोजित हत्या करार दिया है।
स्रोत : Opindia