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बीएचयू में आयोजित प्रदर्शनी में प्राचार्य ने भगवान राम-सीता की जगह लगाया अपना और पत्नी का चित्र

छात्रों ने की कार्रवाई की मांग

वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में दृश्य कला संकाय की चित्रकला प्रदर्शनी में आयोजित भगवान राम और सीता के चित्र में चेहरे की जगह एक सहायक प्राचार्य द्वारा स्वयं की और पत्नी की तस्वीर लगाए जाने का मामला सामने आया है ।

छात्रों ने जताई नाराजगी

हिन्दू संस्कृति परंपरा और धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाने के आरोप में छात्रों ने विरोध दर्ज कराया है। साथ ही अस्सिटेंट प्रोफेसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दंडात्मक कारवाई करने की मांग की है। छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति, मुख्यंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ ही पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की है। इस मामले को लेकर BHU प्रशासन की ओर से फिलहाल किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

46 कलाकारों द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित की गई

BHU के दृश्य कला संकाय में 5 फरवरी से शिक्षकों सहित 46 कलाकारों द्वारा चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित की गई हैं, जिसमे चित्रकला, मूर्तिकला, वस्त्र विन्यास, छायाचित्र, और ग्राफिक डिजाइन आदि पर आधारित कलाकृतियां लगाई गईं। इसी में से एक तस्वीर में यहां के असिस्टेंट प्रोफेसर ने भगवान राम और सीता की तस्वीर में अपना और अपनी पत्नी का चेहरा लगा दिया। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ये संकाय के अस्सिस्टेंट प्रोफेसर अमरेश कुमार हैं, जिन्होंने अपने द्वारा यहां क़ई कलाकृतिया लगाई हैं।

BHU प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र नेता अभिषेक सिंह ने कहा कि, दृश्य कला संकाय में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी में भगवान राम के चित्र के साथ खिलवाड़ किया गया है। सनातन धर्म का मजाक बनाया गया है। सनातन मूल्य और हिन्दू परम्परा को मानने वाले लोग इसको कतई बर्दाश्त नही करेंगे। मामले में छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। कार्रवाई न करने पर विरोध-प्रदर्शन करने की बात कही है।

स्रोत : प्रभात खबर

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