‘कब रुकेगा हिन्दू वंश संहार ?’ इस विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद संपन्न !
जब पूरे देश में सर्वत्र हिजाब के विषय में चर्चा चल रही है, ऐसे में बजरंग दल के कार्यकर्ता तथा राष्ट्रभक्त श्री. हर्ष नामक युवक की ‘हिन्दू’ होने के कारण हत्या की गई । श्री. हर्ष की हत्या के पीछे ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ (SDPI) तथा ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ (PFI) इन कट्टर इस्लामी संगठनों का हाथ है । इस प्रकरण में छह मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है । श्री. हर्ष के ही समान अनेक हिन्दुओं की इस प्रकार हत्या हो रही है । इन हिन्दुओं की हत्या रोकने के लिए हिन्दू समाज को अब संगठनशक्ति दिखानी होगी, ऐसा आवाहन श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक ने किया । वे हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘कब रुकेगा हिन्दू वंशसंहार ?’ इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में बोल रहे थे ।
तमिलनाडु के ‘हिन्दू मक्कल कत्छी’ के अध्यक्ष श्री. अर्जुन संपत ने कहा, तमिलनाडु सहित पूरे देश में पिछले कुछ वर्षों में अनेक हिन्दू कार्यकर्ताओं को हमने खो दिया है । हिंदुओं की हत्याओं के पीछे कार्यरत जिहादी इस्लामी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए । भारत में ‘समान नागरिक कानून’ लागू करना आवश्यक है ।
इस संवाद में सहभागी हुए पश्चिम बंगाल के ‘भारतीय साधक समाज’ के संस्थापक श्री. अनिर्बान नियोगी ने कहा, हिंदुओं की हत्या होने पर हिन्दू बडी संख्या में एकत्रित नहीं होते । दिन-प्रतिदिन हिन्दुओं की हत्या देश के सभी राज्यों में हो रही है । इस अन्याय का प्रतिकार करने के लिए हिन्दुओं को आगे आना होगा ।
कर्नाटक के उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कृष्णमूर्ति पी. ने कहा, निरंतर जागृत हिन्दुओं की हत्या कर हमारे देश में हिन्दुओं में भय का वातावरण निर्माण किया जा रहा है । तथाकथित मानवाधिकार कार्यकर्ता हिन्दुओं की हत्याओं पर मौन रहते हैं । ‘सेकुलरिज्म’ के नाम पर हिन्दुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं । ‘हिन्दू राष्ट्र’ शब्द सदा के लिए समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं; परंतु हिन्दू यह सहन नहीं करेंगे ।
हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री गुरुप्रसाद गौडा ने इस समय कहा, कर्नाटक सहित पूरे भारत में धर्मांध शक्तियों का प्रभाव बढ रहा है । हाल ही में कर्नाटक में धर्मांधों ने बजरंग दल के कार्यकर्ता श्री. हर्ष की हत्या की । श्री. हर्ष की हत्या के दोषियों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए । पिछले कुछ वर्षों में बडी संख्या में हिन्दुओं की हत्या की गई; परंतु जिस संख्या में हिन्दुओं को इसके विरोध में आवाज उठानी चाहिए, वह आवाज नहीं उठाई गई । हिन्दुओं को अब इस विरोध में आवाज उठाकर जागृति करना आवश्यक है ।