आक्रमण के पीछे एस.डी.पी.आई. इस जिहादी संगठन का हाथ !
अवैध मस्जिद के निर्माण कार्य का हिन्दुओं द्वारा विरोध करने पर धर्मांधों ने किया था आक्रमण !
- ‘अल्पसंख्यकों को सुरक्षा बलों में सहभागी करें’, ऐसी मांग करने वालों को इस विषय में क्या कहना है ?
- जिहादी संगठन के धर्मांध कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस थाने पर आक्रमण करते समय उसे रोकने की बजाए उसमें सहभागी होने वाले धर्मांध पुलिस कल हिन्दू पुलिस वालों को भी जान से मारने में आगे पीछे नहीं देखेंगे, यह ध्यान में लें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
कर्नूल – जिले के आत्मक्रूर पुलिस थाने पर धर्मांधों द्वारा किए आक्रमण में सहभागी होने के मामले में पुलिस ने मुख्य पुलिस हवलदार शेख अथाउल्लाह को हिरासत में लिया है । अथाउल्लाह पुलिसबल के विशेष पुलिस बल में कार्यरत है । विशेषता यह है कि उसके काम पर रहने की अवधि में पुलिस थाने पर आक्रमण हुआ । इस आक्रमण के पीछे जिहादी आतंकवादी संगठन ‘पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ की ‘सोशल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया’ का हाथ होने की जानकारी सामने आई है ।
Shocking!!
As reported by 'Surya', Mr. Shaik Athavullah, Head Constable (HC:1184) of the AP Special Police Dept who was supposed to be on duty at AP CM's Camp Office had directly involved in Attack on Police Station at Atmakur, Kurnool District along with PFI & SDPI on 8-January. https://t.co/zGVzHpWLXo pic.twitter.com/WWaweUw6bp— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) February 24, 2022
१. यह घटना ८ जनवरी २०२२ के दिन हुई थी । यहां एक अवैध ढंग से बनाई जा रही मस्जिद का हिन्दुओं ने विरोध किया । इस गुस्से में धर्मांधों की भीड ने पुलिस थाने पर आक्रमण किया था । (धर्मांधों की अवैध बातों का विरोध करने पर वे सीधे कानून हाथ में लेते हैं । सरकार को ऐसों को आजीवन कारागृह में डालना चाहिए ! – संपादक)
२. इस समय धर्मांधों की भीड ने पुलिस थाने पर पत्थरबाजी की, साथ ही पुलिस थाने के बाहर रखे दोपहिया वाहनों की भी तोडफोड की।
३. भीड को भगाने के लिए पुलिस ने हवा में गोलीबारी की । इस आक्रमण में अनेक पुलिसवाले गंभीर रुप से घायल हो गए थे।
४. इस मामले में पुलिस ने अभी तक २८ लोगों को हिरासत में लिया है । इसमें अधिकांश लोग एस.डी.पी.आई. के सदस्य हैं ।
५. भीड द्वारा पुलिस थाने पर आक्रमण करते समय अथाउल्लाह भी इस भीड में सहभागी हो गया । गुप्तचर विभाग को मिले एक वीडियो से यह जानकारी सामने आई । उस समय उसे मुख्यमंत्री के ‘कैम्प कार्यालय’ में सेवा पर रहना आवश्यक था; लेकिन वहां न जाकर वह पुलिस थाने पर आक्रमण करने वालों में सहभागी हुआ ।
६. ‘जिस दिन पुलिस थाने पर आक्रमण हुआ, उस दिन अथाउल्लाह काम पर नहीं था, वह छुट्टी पर था । उस समय पुलिस बल ने उसके स्थान पर अन्य पुलिस को काम के स्थान पर नियुक्त नहीं किया था’, ऐसे झूठे कागजपत्र बनाने का कुछ पुलिस अधिकारियों ने प्रयास किया । (ऐसे पुलिसवालों को निष्कासित कर उन्हें कठोर सजा देना आवश्यक ! – संपादक) उनका यह षडयंत्र सफल नहीं रहा ।
स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात