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हिन्दुओं को धर्मशिक्षित बनाने के लिए मंदिरों को धर्मशिक्षा के केंद्र बनना चाहिए – धर्मप्रचारक संत पू. नीलेश सिंगबाळ, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्व एवं पूर्वाेत्तर भारत के मंदिरों के न्यासियों और पुरोहित संगठनों के साथ ऑनलाइन पद्धति से बैठक का आयोजन

वाराणसी (उत्तर प्रदेश) : साधना एवं धर्मशिक्षा के अभाव से आज का हिन्दू समाज जागृत नहीं है । उसके कारण इस महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में मंदिरों के माध्यम से समाज में भगवान शिव की उपासना के संबंध में धर्मशास्त्र को पहुंचाने हेतु मंदिरों को धर्मशिक्षा का केंद्र बनना चाहिए और उसके लिए हम सभी प्रयास करेंगे, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत पू. नीलेश सिंगबाळजी ने किया ।

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से मंदिरों के न्यासियों एवं पुरोहित संगठनों के लिए ऑनलाइन पद्धति से मासिक बैठक का आयोजन किया गया था, उसमें पू. सिंगबाळजी मार्गदर्शन कर रहे थे । इस बैठक में उत्तर प्रदेश, बिहार, पूर्व एवं पूर्वाेत्तर भारत के मंदिरों के क्षेत्र में कार्य करनेवाले प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

पू. सिंगबाळजी ने आरंभ में भगवान शिव की आध्यात्मिक विशेषताएं और उपासना का महत्त्व विशद किया, साथ ही मंदिरों के क्षेत्र में कार्य करनेवाले लोग किस प्रकार से मंदिरों के माध्यम से विहंगम पद्धति से धर्मप्रसार का कार्य कर सकते हैं ?, इस विषय में भी मार्गदर्शन किया । इस अवसर पर उपस्थित प्रतिनिधियों ने भगवान शिव के विषय में शास्त्रीय जानकारी देनेवाले फ्लेक्स, पत्रकों, भितीपत्रकों इत्यादि के माध्यम से अधिकाधिक जनजागरण करने की बात कही ।

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