Menu Close

‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका को मुंबई उच्च न्यायालय ने किया खारिज

Update

विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की रिलीज को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय का आज फैसला आया है। न्यायालय में एक दायर याचिका में फिल्म के रिलीज को रोकने की अर्जी दी गई थी। यह याचिका उत्तरप्रदेश के निवासी इंतेजार हुसैन सैयद ने दायर की थी। इसको लेकर मंगलवार को न्यायालय में सुनवाई हुई । न्यायालय ने इस याचिका को रद्द कर दिया और फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी।

अब ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को उसी तारीख पर रिलीज किया जाएगा जो पहले से तय थी। यानी कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।

स्रोत : न्यूज १८


4 मार्च

‘द कश्मीर फाइल्स’ के ट्रेलर से आहत हुईं मुस्लिमों की भावनाएं’ : फिल्म के खिलाफ इंतजार हुसैन द्वारा बॉम्बे उच्च न्यायालय में PIL

रिलीज रोकने की मांग

1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई बर्बरता की कहानी और उनके विस्थापन पर आधारित विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ लगातार कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। इसके लिए उन्हें कट्टरपंथियों की ओर से धमकियां तो मिल ही रही थीं। अब उनकी फिल्म के खिलाफ बॉम्बे उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की गई है।

‘लॉ बीट’ रिपोर्ट के अनुसार, “उत्तर प्रदेश के रहने वाले इंतजार हुसैन सईद नाम के एक व्यक्ति ने न्यायालय में पीआईएल दाखिल की है। जिसमें उसने विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित द कश्मीर फाइल्स की रिलीज को रोकने की मांग की है। हुसैन ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में कहा कि इस फिल्म के ट्रेलर से मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती है। इसके भड़काऊ दृश्य साम्प्रदायिक हिंसा का कारण बन सकते हैं।”

सईद का तर्क है कि, ‘द कश्मीर फाइल्स’ की रिलीज को रोक दिया जाना चाहिए, क्योंकि #TheKashmirFilesTrailer में ‘नस्लीय और भेदभावपूर्ण टिप्पणी’ की गई है और इसमें कश्मीरी पंडितों की हत्याओं का लेखा-जोखा है, जो ‘घटना’ का केवल एकतरफा चित्रण करता है। इससे मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।

जनहित याचिका में कहा गया है, “#TheKashmirFilesTrailer में ‘मुसलमानों जागो, काफिरों भागों’ शब्द दीवार पर लिखा हुआ देखा जा सकता है, जो हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच साम्प्रदायिक असंतुलन पैदा करने की क्षमता के साथ फिल्म के नैरेटिव को आगे बढाता है। याचिका में #KashmirFiles की 11 मार्च की रिलीज को रोकने की मांग की गई है।”

याचिकाकर्ता इंतजार हुसैन सईद ने बॉम्बे उच्च न्यायालय को बताया कि, निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की द कश्मीर फाइल्स फिल्म केवल दुष्प्रचार का पीस है। ये भडकाऊ और आग लगाने वाला काम है। ये रचनात्मक अभिव्यक्ति नहीं है। #KashmirFiles संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के प्रतिबंधों के तहत आता है क्योंकि ‘व्यक्ति दूसरे के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए बुनियादी मौलिक अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता।

इस मसले पर विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर के जरिए कहा, “एक छोटी सी फिल्म से इतना डर! अब मुझे बताओ मैं क्या करूँ।”

इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं किसी भी न्यायालय या उनकी पसंद के किसी भी मंच में साबित कर सकता हूं कि, मेरी फिल्म का हर फ्रेम, हर शब्द सच है। सच्चाई के सिवा कुछ नहीं। वे जितनी चाहें, उतनी बाधाएं खडी कर सकते हैं लेकिन मुझे चुप नहीं कराया जा सकता।

स्रोत : Opindia

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *