बेंगलुरु – कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को 2022-23 के लिए प्रस्तुत किये गए बजट में राज्य के धर्मादा विभाग के दायरे में आने वाले मंदिरों को स्वायत्तता देकर उनपर से सरकार का नियंत्रण हटाने का प्रस्ताव किया। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में भारतीय जनता पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में संकेत दिया था कि, हिंदू मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने के लिए एक कानून लाया जाएगा।
बोम्मई ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘मंदिरों पर से सरकार का नियंत्रण हटाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। श्रद्धालुओं की इन मांगों पर विचार करते हुए, धर्मादा विभाग के दायरे में आने वाले मंदिरों को स्वायत्तता दी जाएगी।’’
राज्य में कुल 34,563 मंदिर मुजरई (धर्मादा) विभाग के तहत आते हैं और इन मंदिरों को उनके राजस्व अर्जन के आधार पर ए, बी तथा सी श्रेणियों में विभक्त किया गया है। राज्य में कुल 207 मंदिरों का वार्षिक राजस्व 25 लाख रुपये से ऊपर है और वे ए श्रेणी में आते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कर्नाटक से काशी यात्रा पर जाने वाले 30,000 तीर्थयात्रियों में प्रत्येक को सरकार 5,000 रुपये की सब्सिडी देगी।
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देने वाले मठों तथा अन्य संस्थाओं को राज्य सरकार वित्तीय सहायता देगी।
स्रोत : लाइव हिन्दुस्थान