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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा की मस्जिद को कृष्णजन्मभूमि की मान्यता देने की याचिका को पुनर्स्थापित किया

प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को कृष्ण जन्मभूमि की मान्यता देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका को सुनवाई के लिए पुनर्स्थापित कर लिया है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने अधिवक्ता महक माहेश्वरी की याचिका पर दिया।

अगली सुनवाई 25 जुलाई को

बता दें कि, उच्च न्यायालय ने इससे पहले 19 जनवरी, 2021 को पैरवी में याचिका खारिज कर दी थी। अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।

याचिकाकर्ता ने न्यायालय से शाही ईदगाह मस्जिद को हटा कर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर निर्माण कराए जाने की मांग की है। साथ ही संपूर्ण जमीन हिंदुओं को सौंपने की अपील की। याचिका में कृष्ण जन्मभूमि को जन्म स्थान ट्रस्ट बनाया जाने की भी बात कही गई। उनका कहना है कि, मथुरा के राजा कंस ने भगवान कृष्ण के माता-पिता को कारागार में डाल दिया था, जहां श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।

मुगल काल में मंदिर तोडकर मस्जिद बनाई गई है। याची ने न्यायालय की निगरानी में एएसआई से सर्वे और खुदाई कराकर जन्मस्थान मंदिर का पता लगाया जाने की भी मांग की। साथ ही कहा, ‘मस्जिद इस्लाम का आवश्यक अंग नहीं है। कहीं भी इबादत की जा सकती है। इसलिए विवादित जमीन हिंदुओं को सौंपी जाए । ताकि हिंदू संविधान प्रदत्त अनुच्छेद 25 के मूल अधिकारों का स्वतंत्रतापूर्वक प्रयोग कर सके और जन्म स्थान में पूजा- पाठ कर सकें।’ उन्होंने न्यायालय का निर्णय आने तक वहां पूजा पाठ की भी अनुमति मांगी।

स्रोत : प्रभात खबर

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