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कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों के लिए कश्मीर मुस्लिमों ने उनकी क्षमा मांगनी चाहिए – पीडीपी के महासचिव जावेद बेग

नई दिल्ली : विवेक अग्निहोत्री की फिल्म  ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर एक गिरोह पूरी ताकत के साथ दुष्प्रचार करने में लगा हुआ है। इसमें से एक आरोप इस्लामोफोबिया को बढावा देने का भी लगाया जा रहा है। किन्तु, इसी बीच कश्मीर से एक ऐसी आवाज उठी है, जिसमें कहा गया है कि, नरसंहार के लिए मुस्लिमों को कश्मीरी हिन्दुओं से हाथ जोडकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और ये आवाज है जावेद बेग की। उन्होंने यह भी कबूल किया है कि, उनके अब्बा की पीढियों ने गलती की थी।

जावेद बेग ने अपने एक ट्वीट में गिरिजा टिक्कू की विचलित कर देने वाली तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा है कि, ‘मैं एक कश्मीरी मुस्लिम हूं। हमारी हिन्दू बहन गिरिजा टिक्कू को कश्मीरी मुस्लिम परिवारों के आतंकियों ने टुकडों में काट डाला था, जबकि वह जिंदा थीं। इन आतंकियों के पास ‘आजादी’ के नाम पर पाकिस्तानी बंदूकें थीं। यह कोई प्रोपेगेंडा नहीं, बल्कि सच्चाई है। मैं हाथ जोडकर हिन्दू बिरादरी से उस अत्याचार के लिए माफी मांगता हूं।’ जावेद बेग ने इस मुद्दे पर न्यूज चैनल Ann News Kashmir के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो भी साझा किया है।

इस वीडियो में वे कहते हैं कि, ‘जिन लोगों ने उन्हें मारा, वे कहां के थे ? वे हमारे ही घरों के लोग थे। कश्मीरी हिन्दू कोई गैर नहीं हैं। ये हमारी कौम है, हमारा खून है, हमारी नस्ल है। यहां तो जानवर भी अपनी नस्ल के जानवर को भी नहीं मारते हैं। शेर कभी शेर का शिकार नहीं करता है। कुत्ते कभी कुत्ते को नहीं काटते हैं। कम से कम आज तो हमें गैरत होना चाहिए।’

जावेद बेग कहते हैं कि, ‘मैं खुद एक हत्याकांड का प्रत्यक्षदर्शी हूं। बीरवा के जिस इलाके से मैं ताल्लुक रखता हूं, वहां 1997 के 21 मार्च को पहली सामूहिक हत्या हुई थी, वो बीरवा में ही हुई थी। इसमें दर्जनों कश्मीरी हिन्दुओं की हत्या की गई। मैंने अपनी आंखों से देखा है। उसमें मारे जाने वाले लोग न तो किसी की ‘आजादी’ रोक रहे थे और न ही किसी कश्मीरी मुसलमान को मार रहे थे। निहत्थे लोग थे। उसमें इलाके के एक इज्जतदार हेडमास्टर और मेरे जैसा एक नौजवान था। वह हत्याकांड नहीं है तो क्या है?’

जावेद बेग ने कहा कि, ‘जो गलतियां हमारे वालिद की पीढ़ियों ने किया है, उसे एक पढे-लिखे युवक के रूप में मुझे स्वीकार करना है कि वो गलतियां हुई हैं। वो गुनाह हुए हैं और उसके लिए हमें हाथ जोडकर सार्वजनिक रूप से, सामूहिक रूप से कश्मीरी हिन्दुओं से माफी मांगनी चाहिए। इसके लिए फिल्म की आवश्यकता नहीं है।’ उनके इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कश्मीरी हिन्दू पत्रकार आदित्य राज कौल ने लिखा है कि, “कश्मीरी मुस्लिम कार्यकर्ता जावेद बेग कहते है कि कश्मीरी मुस्लिमों को कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार के अपने अपराध को स्वीकार करना चाहिए और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। जावेद 1997 में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के चश्मदीद गवाह हैं। मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए सामूहिक माफी, समय की जरूरत है।’

इसका जवाब देते हुए जावेद लिखते हैं कि, ‘सच हमेशा सच ही रहता है, भले ही कोई उसे न बोले। झूठ हमेशा झूठ ही होता है, भले ही सब उसे बोल रहे हों। मैं कश्मीरी हिन्दू के नरसंहार का चश्मदीद गवाह हूं, जो दुर्भाग्य से 21 मार्च, 1997 (नौरोज़ दिवस) में मेरे गृहनगर संग्रामपोरा बीरवा में किया गया था। मुझे इसके लिए दुख और खेद है।’ बेग के ट्विटर हैंडल के अनुसार, वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (PDF) के महासचिव हैं। वह कश्मीरी लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं।

स्रोत : न्यूज टैक

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