लूटपाट भी हुई
ढाका : बांग्लादेश में एक बार हिंदू धार्मिक स्थल को निशाना बनाया गया है। यहां एक बार फिर से इस्कॉन मंदिर पर आक्रमण हुआ है। ढाका के इस्कॉन राधाकांत मंदिर पर जिहादियों ने गुरुवार रात आक्रमण किया। मंदिर पर आक्रमण के साथ ही उसमें तोडफोड भी की गई। इस दौरान मंदिर में लोगों से मारपीट की भी खबर है। आक्रमण को लेकर इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि, ये आक्रमण गंभीर चिंता का विषय हैं। हम बांग्लादेश सरकार से सख्त कार्रवाई करने और देश में हिंदू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध करते हैं।
On the night of shab-e-barat, Extremists are again attacking the Wari Radhakanta #ISKCON temple in Dhaka. We are requesting to all the Hindus to play their role in protecting the temple. #SaveBangladeshiHindus#SaveHinduTemplesInBangladesh @RadharamnDas @iskcon @india_iskcon pic.twitter.com/DVLZF7yVPG
— Voice Of Bangladeshi Hindus ?? (@VoiceOfHindu71) March 17, 2022
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह आक्रमण लाल मोहन साहा स्ट्रीट स्थित मंदिर पर हुआ। गुरुवार को शाम करीब 7 बजे 200 से अधिक जिहादियों की भीड ने मंदिर में जबरन घुसकर तोडफोड की। बताया जा रहा है कि, इस भीड की अगुवाई हाजी सैफुल्लाह ने की। मंदिर में तोडफोड के साथ ही लूटपाट की भी खबर है। साथ ही मंदिर में मौजूद लोगों से मारपीट भी की गई। इस दौरान कई लोग घायल हो गए।
These attacks are a matter of grave concern. We request the Bangladesh government to take stringent action and provide security to Hindu minorities in the country: Radharamn Das, Vice-President ISKCON Kolkata on attack on ISKCON Radhakanta temple in Bangladesh's Dhaka pic.twitter.com/Y36gN6NtMK
— ANI (@ANI) March 18, 2022
It's very very unfortunate incident on the eve of Dol Yatra & Holi celebrations. Just few days ago, United Nations passed a resolution declaring 15th March as International day to combat Islamophobia. We are surprised that same United Nations…..1/3 https://t.co/aMci2GdQdv
— Radharamn Das राधारमण दास (@RadharamnDas) March 18, 2022
हमले की निंदा करते हुए, इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा : “हिंदुओं को संयुक्त राष्ट्र जैसे नामी संस्थानों की ओर देखना बंद करना होगा जो हिंदुओं के रोने पर मूक है।”
दास ने घटना की निंदा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। “यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है जो डोल यात्रा और होली समारोह की पूर्व संध्या पर हुई थी। कुछ दिन पहले, संयुक्त राष्ट्र ने 15 मार्च को इस्लामोफोबिया का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें आश्चर्य है कि एक ही संयुक्त राष्ट्र हजारों असहाय बांग्लादेशी और पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की पीड़ा पर मौन है। इतने सारे हिंदू अल्पसंख्यकों ने अपनी जान गंवाई है, संपत्तियां दी हैं, बलात्कार किया गया है, लेकिन अफसोस, सभी संयुक्त राष्ट्र इस्लामोफोबिया पर विचार कर सकते हैं।”
हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे आक्रमण
बांग्लादेश में यह पहली बार नहीं है जब जिहादियों ने हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है। इससे पहले पिछले साल नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा पंडालों पर भी आक्रमण किए गए। साथ ही चरमपंथियों ने कई मंदिरों पर भी आक्रमण किए थे। उस दौरान भी इस्कॉन मंदिर को भी निशाना बनाया गया था। इन हिंसा की वारदातों में 2 हिंदुओं समेत 7 लोगों की जान चली गई थी।
50 से अधिक हिंदू घरों पर हुआ था आक्रमण
बांग्लादेश में पिछले साल भी 50 से ज्यादा हिंदू घरों पर आक्रमण किया गया था। साथ ही चार मंदिरों में तोड़फोड़ भी की गई थी। खुलना जिले में हुई शर्मनाक घटना में कई देवी-देवताओं की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। इस आक्रमण में कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम का नाम आया था। इस कट्टरपंथी संगठन के तार सीधे पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हुए थे। उस समय हिंदू एक धार्मिक जुलूस निकालना चाहते थे जिसका सिआली गांव की एक मस्जिद के मौलवी ने विरोध किया था।
बांग्लादेश में 9 साल के भीतर हिंदुओं पर लगभग 4000 हमले
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था एकेएस की रिपोर्ट में बताया गया है कि 9 साल के भीतर बांग्लादेश में हिंदुओं के ऊपर लगभग 4000 बार हमले हुए। इनमें से तो 1678 केवल धार्मिक मामले थे। इसके अलावा अन्य अत्याचार की घटनाएं भी सामने आईं।
स्रोत : नवभारत टाइम्स