हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा गुरुवार को कर्नाटक एन्डाउमेंट विभाग के तहत मंदिरों के क्षेत्र से “गैर-हिंदुओं” द्वारा संचालित सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों को हटाने की मांग की। समिति के प्रवक्ता मोहन गौडा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को कर्नाटक मुजराई विभाग के आयुक्त से भेंट की और अपनी मांगों को रखा।
मोहन गौडा ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘आज हिंदू जनजागृति समिति की ओर से हमने धर्मादाय विभाग की आयुक्त रोहिणी सिंधुरी से मुलाकात की और ज्ञापन दिया कि, जो भी मंदिर विभाग के अंतर्गत आते हैं, वहां गैर-हिंदुओं को दुकानें स्थापित करने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।”
Today @HinduJagrutiOrg Submitted Memorandum to Sou. Rohini Sindoor, The Commissioner of Karnataka Hindu Religious Endowment Dept to Not to Allow Non-Hindus business activities in Karnataka Endowment Temples premises which is against to Hindu Endowment Act 2002@ShashikalaJolle pic.twitter.com/rY9es08OdS
— ?Mohan gowda?? (@Mohan_HJS) March 24, 2022
बेंगलुरु में मैजेस्टिक के मध्य क्षेत्र के उपरपेट में श्री हनुमान मंदिर के स्वामित्व वाले परिसर में गैर-हिंदुओं के पास चप्पल की दुकानें हैं। हालांकि पट्टे (भाडे पर) की अवधि 2014 में समाप्त हो चुकी है, लेकिन दुकानदारों ने आज तक अनधिकृत तरीके से अपना कारोबार जारी रखा है। यह कर्नाटक एन्डाउमेंट अधिनियम 1997 के उल्लंघन में है।
उक्त अधिनियम की धारा 29(8)(12) में विशेष रूप से उल्लेख किया गया है कि, गैर-हिंदुओं को कोई भूमि, भवन स्थल या कोई संपत्ति नहीं दी जानी चाहिए । किंतु वर्तमान में देखा गया है कि, पिछले 40 वर्षों से गैर-हिंदू एन्डाउमेंट विभाग के दायरे में आने वाले कुछ मंदिरों के वार्षिक मेले में सहभाग लेते आ रहे हैं।
यह अधिनियम विशेष रूप से उन लोगों को बाहर करने का उल्लेख करता है जो मंदिरों की पवित्रता और विरासत को नष्ट कर सकते हैं । अनधिकृत सहभाग लेना एक अपराध । यहां आज इसका स्पष्ट उल्लंघन हो रहा है । मंदिरों की सुरक्षा को लेकर विभाग के अधिकारियों की कोई कार्रवाई नहीं करना उनकी गैरजिम्मेदारी को दर्शाता है।
स्रोत : हिन्दुस्थान टाइम्स