पिछले वर्ष रोक दिया गया था एएसआई सर्वे
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर हो रहे विवाद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय 29 मार्च (मंगलवार) से प्रतिदिन सुनवाई करेगा। न्यायालय में हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि, स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर का मंदिर सत्ययुग से ही वहां पर है। ज्ञानवापी मस्जिद के जिस ढांचे को लेकर विवाद है, उसी ढांचे में भगवान शिव विराजमान हैं। ऐसे में यहां के जमीन की प्रकृति पूरी तरह से धार्मिक है और इस पर ‘प्लेसस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991’ लागू ही नहीं होता है।
BREAKING: Allahabad High Court to hold regular hearings in the #Kashi Vishwanath-Gyanvapi #mosque dispute from March 29.
— LawBeat (@LawBeatInd) March 25, 2022
उच्च न्यायालय के जस्टिस प्रकाश पाडिया की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। जस्टिस प्रकाश पाडिया ही वाराणसी स्थित अंजुमन इंतजामिय़ा मस्जिद की याचिका और दूसरी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं। उच्च न्यायालय में मंदिर पक्ष से वकील विजय शंकर रस्तोगी ने अर्जी दाखिल की। याचिका में कहा गया है कि, मंदिर का आकार चाहे जैसा भी हो, मंदिर का तहखाना आज भी वादी के कब्जे में है, जो कि 15वीं सदी से पहले बने मंदिर का ढांचा है।
गुरुवार (24 मार्च) को इस मामले में सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की ओर से न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि शुरू में आदेश VII नियम 11 (डी) सीपीसी के तहत वादी (स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर की प्राचीन मूर्ति) को खारिज करने के लिए एक आवेदन दायर किया था। हालांकि, उन्होंने लिखित बयान दर्ज कराया।
स्रोत : आज तक