विश्व हिन्दू परिषद चला रही है अभियान
झारखंड में मिशनरियों के धर्मांतरण का खेल काफी जोर-शोर से जारी है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में भोले-भाले आदिवासी परिवारों को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। यह तब हो रहा है जब राज्य में धर्मांतरण कानून लागू है। इसके बावजूद इस कानून का खुलेआम मखौल बनाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, साहिबगंज जिले ईसाई मिशनरी के प्रतिनिधियों द्वारा लोगों को बहला-फुसलाकर, ब्रेनवाश व जोर-जबर्दस्ती कर धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है। उन्हें धन का प्रलोभन दिया जाता है। ईसाई मिशनरी लगातार प्रलोभन और सुविधाओं का लालच देते हैं। इस जाल में फंसकर कई परिवार धर्मांतरण कर चुके हैं।
हालांकि उनके ‘घर वापसी’ का सिलसिला भी जारी है। गुरुवार (25 मार्च, 2022) को साहिबगंज जिले के वनवासी समाज के 61 परिवारों के सैंकड़ों लोगों ने घर वापसी की। ‘विश्व हिन्दू परिषद’ के विभाग प्रमुख कालीचरण मंडल ने इनकी पूरे रीति-रिवाज के साथ घर वापसी की प्रक्रिया पूरी करवाई।
— rachna jha (@rachnajha23) March 25, 2022
दरअसल, कालीचरण ने जिले के बरहेट प्रखंड के 5 गांवों में घर वापसी का कार्यक्रम चलाया था। इसका नेतृत्व विश्व हिन्दू परिषद् के विभाग प्रमुख कालीचरण मंडल ने क्षेत्रीय प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा कर रहे हैं। उनका मकसद धोखे से अपने धर्म से अलग हुए लोगों को घर वापसी करवाना है। इसके लिए ‘विश्व हिंदू परिषद’ ने मोर्चा खोल रखा है। जिसे भर में उनके कार्यकर्ता सक्रिय हैं। इस तरह की किसी भी घटना की सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंच जाते हैं और आदिवासी, पहाड़िया जाति के लोगों, दलित समाज तथा गरीबों को ईसाई मिशनरियों के चंगुल में फँसने से बचा लेते हैं।
स्रोत : Opindia