गाजीपुर : सैदपुर के वार्ड छह में पक्का घाट पर बने श्रीराम लक्ष्मण जानकी के प्राचीन मंदिर से मूर्ति चोरी का मामला प्रकाश में आया है। इस मंदिर में श्रीकांत जायसवाल का परिवार मंदिर की सेवादारी करता रहा है। रोजाना की तरह रात्रिकालीन आरती 10 बजे मंदिर में आयोजित की गयी। उसके बाद जायसवाल परिवार के लोग अपने घर चले गए। गुरुवार की सुबह जब मंदिर परिसर में श्रीकांत की मां सेवादारी के लिए पहुचीं तो मंदिर की मूर्तियों के इधर-उधर बिखरे कपड़े देख कर उनके होश फाख्ता हो गए। फिर मंदिर से 3 मूर्तियों के चोरी का मामला प्रकाश में आया।
मंदिर में हुई चोरी के मामले में रंगनाथ जायसवाल ने तहरीर दी है। जिसके बिनाह पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। तहरीर के अनुसार सीसीटीवी फुटेज को देखने से जानकारी मिली कि 25 मार्च की रात चोर करीब 1.35 बजे मंदिर में प्रवेश किए और 2.40 बजे तक रहकर चोरी की घटना को अंजाम दिया।
श्रीकांत जायसवाल ने बताया कि करीब 14 वर्ष पहले भी इस मंदिर से भगवान श्रीराम और लक्ष्मण की मूर्ति चोरी हुई थी। लेकिन, कुछ वर्षों बाद बरामद हो गई थीं। बाद में उन्हें न्यायालय के जरिए मूर्ति वापस मिल गयी थी। गायब हुई सीता की मूर्ति अष्टधातु की बनी हुई थी और बेहद प्राचीन बताई जा रही है। गायब हुई 3 मूर्तियों में से अन्य दो मूर्तियां पीतल की बतायी जा रही हैं।
मंदिर के करीब है पुलिस चौकी
मंदिर के सेवादार श्रीकांत जायसवाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि सीसीटीवी फुटेज देखने से जानकारी मिली कि पांच की संख्या में चोर मंदिर में चोरी के मकसद से घुसे थे। कुछ चोर हथियारों से लैस भी थे। जायसवाल ने इस बात को लेकर भी आपत्ति जतायी की आखिर पुलिस सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है? इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि मंदिर से बेहद कम दूरी पर पुलिस चौकी है। इसके बावजूद चोरों ने चोरी को अंजाम दिया। पुलिस ने फिलहाल इस मामले में आईपीसी की धारा 457 और 380 के तहत एफआईआर दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
स्रोत : नवभारत टाइम्स