सनातन निर्मित ‘ज्ञानयोगी पू. अनंत आठवलेजी’ ग्रंथ का लोकार्पण
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नया पारगांव (जनपद कोल्हापुर) : परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी के बडे भाई पू. अनंत आठवलेजी (पू. भाऊकाका) की जीवनी का दूसरा खंड ‘ज्ञानयोगी पू. अनंत आठवलेजी’ (पू. आठवलेजी की ज्ञानप्राप्ति की प्रक्रिया, उनके सम्मान समारोह और उनके विषय में प्राप्त अनुभूतियां) इस ग्रंथ का सद्गुरु सुश्री (कु.) स्वाती खाडयेजी के करकमलों से २६ मार्च को लोकार्पण किया गया ।
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परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी इस ग्रंथ के संकलनकर्ता हैं । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के पश्चिम महाराष्ट्र, कोंकण एवं गुजरात राज्य समन्वयक श्री. मनोज खाडयेजी, सनातन संस्था की ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त आधुनिक वैद्या (श्रीमती) शिल्पा कोठावळे एवं ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त निर्माण व्यावसायी तथा सनातन के साधक श्री. आनंद पाटिल उपस्थित थे । इस अवसर पर सनातन संस्था की संत पू. आधुनिक वैद्या (श्रीमती) शरदिनी कोरेजी की वंदनीय उपस्थिति थी । यहां के तात्यासाहेब कोरे दंत चिकित्सकीय महाविद्यालय में इस २ दिवसीय हिन्दू राष्ट्र संगठक कार्यशाला का आयोजन किया गया है । कार्यशाला के पहले सत्र में इस ग्रंथ का लोकार्पण किया गया । इस कार्यशाला में कोल्हापुर, सांगली एवं सातारा जनपदों से आए हिन्दुत्वनिष्ठ सहभागी हैं । शंखनाद के उपरांत सद्गुरु सुश्री (कु.) स्वाती खाडयेजी के करकमलों से दीपप्रज्वलन किया गया । इस कार्यशाला में धर्मप्रेमियों को साधना, हिन्दू राष्ट्र, आदर्श वक्ता कैसे बनें ? सहित विविध विषयों का मार्गदर्शन मिलेगा ।
हिन्दू राष्ट्र संगठक कार्यशाला का पहला दिन !
सातारा, सांगली एवं कोल्हापुर जनपदों में ६० हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभाएं करने का निश्चय !
कोल्हापुर : दोपहर के सत्र में समूहचर्चा ली गई । इस समूहचर्चा में सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठों ने कोल्हापुर जनपद में २७ स्थानों पर, सांगली जनपद में १४, तो सातारा जनपद में १९ ऐसी कुल ६० हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभाएं लेने का निश्चय किया । इन सभाओं को सुनिश्चित करने में इन धर्मप्र्रेमियों ने प्रधानता ली ।
पहले दिन के अन्य सत्र में लिए गए विषय
१. ‘नामजप का महत्त्व’ विषय पर श्रीमती विजया वेसणेकर एवं आधुनिक वैद्या (श्रीमती) शिल्पा कोठावळे ने मार्गदर्शन किया । यह मार्गदर्शन संपन्न होने पर अनेक धर्मप्रेमियों को मन में अन्य विचार न आना, एकाग्रता से नामजप होने के साथ अन्य अनुभूतियां हुईं । अनेक धर्मप्रेमियों ने उनका नियमित नामजप जारी रखने की बात कही ।
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२. दोपहर के सत्र में प्रायोगिक भाग लिया गया । उसमें आदर्श पद्धति से संपर्क कैसे करना चाहिए ?’ और ‘पुलिस थाने से हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा की अनुमति कैसे लेनी चाहिए ?’, इसका प्रदर्शन दिखाया गया ।