दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को हिंदू देवी-देवताओं के बारे में ईशनिंदा और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वाले खातों को निलंबित न करने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से उत्तर मांगा है। न्यायालय ने कहा ऐसे मामलों में संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खाते को भी निलंबित कर दिया गया था।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने कहा कि, ऐसा प्रतीत होता है कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कठोर कदम तभी उठाए है जब किसी पोस्ट या सूचना के बारे में संवेदनशील अनुभव करता है। वह अन्य क्षेत्रों और जातियों के लोग किसी सामग्री से आहत महसूस करते हैं तो वह और कोई कार्रवाई नहीं करेगा।
#DelhiHighCourt slams Twitter “Laxity” in suspending accounts over ‘blasphemous’ post
We dare say that if same kind of thing were to be done in relation to another religion,u wud be much more careful & sensitive.HC censures #Twitter over blasphemous posts against #Hindu deities pic.twitter.com/SqJZwNdKJE
— Ashwani Dubey (@ashwani_dube) March 29, 2022
पीठ ने सुनवाई के दौरान ट्विटर से कहा कि, आप संवेदनशील महसूस करते हैं तो आप ब्लॉक कर देंगे और आप अन्य जातियों या अन्य क्षेत्रों के लोगों के बारे में संवेदनशील महसूस नहीं करेंगे। न्यायमूर्ति सांघी ने कहा कि, यदि दूसरे धर्मों के खिलाफ भी ऐसा ही किया जाता तो आप ज्यादा गंभीर होते। पीठ ने ट्विटर को निर्देश दिया कि, वह अपने प्लेटफॉर्म पर किसी खाते को स्थायी रूप से ब्लॉक करने के संबंध में अपनी नीति को स्पष्ट व्याख्या करते हुए उत्तर दाखिल करे।
केंद्र सरकार को भी अपना पक्ष रखने का निर्देश
न्यायालय ने केंद्र सरकार को भी अपना पक्ष रखने व और किसी खाते या जानकारी तक पहुंच को अवरुद्ध करने से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया को ट्विटर पर दर्ज करने का भी निर्देश दिया।
एक याचिका पर कर रहा था सुनवाई
पीठ ने यह निर्देश आदित्य सिंह जयसवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है। याची ने कहा कि, हिंदू देवी-देवताओं के बारे में ईशनिंदा और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने के बावजूद ट्विटर ने कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसे में उसे ऐसी सामाग्री तुरंत हटाने का निर्देश दिया जाए।
स्रोत : अमर उजाला