हिन्दुओं, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के समय हलाल मांस तथा हलाल उत्पादों का बहिष्कार करें – हिन्दू जनजागृति समिति
बेंगलुरू (कर्नाटक) : भारत में आज सभी उत्पादों के लिए हलाल प्रमाणपत्र लेने का इस्लामी षड्यंत्र चल रहा है । हलाल प्रमाणपत्र के माध्यम जिहादी संगठन सहस्रों करोड रुपए इकट्ठा कर रहे हैं और इस धन का उपयोग राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, ऐसा ध्यान में आया है । भारत में हलाल प्रमाणपत्र प्रदान करनेवाले इस्लामी संगठन आतंकी गतिविधियों में संलिप्त आतंकियों की कानूनी सहायता कर रहे हैं । यह हलाल प्रमाणपत्र को कानून की मान्यता नहीं है । यह प्रमाणपत्र ही अवैध है । भारत के धर्मनिरपेक्ष संविधान में धर्म एवं जाति के आधार पर प्रमाणपत्र देना संविधान के विरुद्ध है, केवल इतना ही नहीं, अपितु इस्लामी पद्धति के अनुसार अब उनके धर्म को अर्पण वस्तु पुनः गुढी पडवे के दिन (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) हिन्दू देवताओं को अर्पण करना अनुचित है । इसलिए हिन्दुओं को गुढी पडवे के समय हलाल मांस का उपयोग नहीं करना चाहिए और हलाल उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति ने किया है ।
Hindu Jana Jagruti has called for boycott of #Halal meat. They are running national campaign demanding ban on #Halal products. And has urged #Hindus not buy meat from #Muslim shop owners. : #MohanGowda of #HinduJanaJagruti#Karnataka #BoycottOfMuslimTraders #HijabMovement pic.twitter.com/SbrLLawau8
— Safa ?? (@safaperaje) March 28, 2022
‘हलाल मांस’ क्या होता है ?
हलाल पद्धति से मांस प्राप्त करने के लिए पशु का मुख मक्का की दिशा में कर उसके गले की नस काटी जाती है और उसे छोड दिया जाता है । उससे बडी मात्रा में रक्तस्राव होता है और उसके उपरांत उस पशु की तडप-तडपकर मृत्यु हो जाती है । इस पशु की बलि चढाते समय उसका मुख मक्का की दिशा में रखा जाता है ।
‘झटका मांस’ क्या होता है ?
हिन्दू, सीक्ख आदि भारतीय धर्माें में झटका पद्धति से पशु की हत्या की जाती है । इसमें पशु की गर्दन को एक ही झटके में काटा जाता है, उससे पशु को अल्प मात्रा में कष्ट होता है ।