अमरावती : यहां आयोजित एक दिवसीय हिन्दू राष्ट्र संगठक कार्यशाला में अमरावती शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के धर्मप्रेमियों ने उत्साह के साथ भाग लिया । पू. अशोक पात्रीकरजी एवं श्रीमती विभा चौधरी ने हिन्दू राष्ट्र संगठक बनने हेतु साधना का महत्त्व और गुरुकृपायोग के अनुसार साधना के विषय में मार्गदर्शन किया । उसके उपरांत विविध विषयों पर मार्गदर्शन, अंत में उपस्थित धर्मप्रेमियों का मनोगत और आपातकाल के विषय में जानकारी देने के साथ ही यह एक दिवसीय कार्यशाला उत्साह के साथ संपन्न हुई । इस कार्यशाला में धर्मप्रेमी बडी संख्या में उपस्थित थे ।
कार्यशाला में सम्मिलित धर्मप्रेमियों का मनोगत
१. श्री. गौरव बेतुले, दरियापुर : इस कार्यशाला में मुझे जो शिक्षा और ज्ञान मिला, वह मुझे मेरे अभिभावक भी नहीं दे सके हैं । इसके आगे मैं मेरे परिचित अधिकाधिक लोगों को समिति का कार्य बताऊंगा और धर्मकार्य के लिए अधिकाधिक समय दूंगा ।
२. श्री. गणेश जोशी, मोरशी : यहां का अनुशासन और स्वयंसेवा करना मुझे बहुत अच्छा लगता । मेरे मन में ‘धर्मकार्य करते समय कोई चूक हुई, तो क्या होगा ?’, यह जो शंका थी, वह इस कार्यशाला के कारण दूर हुई । मैं मोरशी तहसील में समिति का कार्य बढाने के लिए निश्चितरूप से प्रयास करूंगा ।
३. श्री. अमित पाटिल : इस कार्यशाला से मुजे स्वयं के दोषों पर नियंत्रण प्राप्त कर धर्मकार्य में सफलता कैसे प्राप्त की जा सकती है, यह सिखने को मिला । इसके आगे मैं मेरे स्वभावदोषों पर विजय प्राप्त करने का और समिति के कार्य के लिए यथासंभव समय देने का निश्चितरूप से प्रयास करूंगा ।
४. श्रीमती अलका पेठकर : इस कार्यशाला के दिन मेरे कार्यालय का समय दोपहर का था; परंतु श्री. नीलेश टवलारे मुझे उसे सवेरे करने का सुझाव दिया । वास्तव में वैसा करना कठिन होते हुए भी अधिकारियों ने मेरा समय बदलकर उसे सुबह का किया, जिसके कारण मैं कुछ घंटोंतक कार्यशाला में आ सकी । यह मेरे लिए बडी अनुभूति है ।