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इंदौर (मध्य प्रदेश) में ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’

हिन्दू राष्ट्र का आरंभ स्वयं के घर से करना होगा ! – श्री श्री १०८ महंत श्री योगेश्वर दास महाराज

बाइ ओर से वालिपूर आश्रम के श्री. रविंद्र शर्मा, श्री. आनंद जाखोटिया, दीपप्रज्वलन करते हुए श्री श्री १०८ महंत श्री योगेश्वर दास महाराज तथा श्री. अभय वर्तक

इंदौर (मध्य प्रदेश) – हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का आरंभ स्वयं के घर से करना चाहिए । प्रत्येक हिन्दू को अपने आचार-विचारों से हिन्दू राष्ट्र प्रकट करना चाहिए । गुरूजनों का सम्मान, धर्मशास्त्र का अध्ययन, शास्त्रीय पद्धति से त्योहार-उत्सव मनाना इन कृत्यों का आरंभ अपने घर से किया जाना चाहिए । आनेवाले समय में हिन्दू समाज को जागृत कर धर्माधिष्ठित बनाना हमारे सामने की बडी चुनौती है, ऐसा प्रतिपादन श्री श्री १०८ महंत श्री योगेश्वर दास महाराज ने किया ।

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां के नवलखा स्थित होटल प्रशांत के सभागार में हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । इस अधिवेशन में १७ हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के ६० प्रतिनिधि उपस्थित थे । इस अवसर पर विविध मान्यवरों ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना का संकल्प लिया । इस अधिवेशन में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ‘ऑनलाइन’ पद्धति से उपस्थित थे । सर्वश्री हिन्दरक्षक सेना के एकलव्य गौड,राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सुनील शिंदे, हिन्दू जनजागृति समिति के मध्य प्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक आनंद जाखोटीया, सनातन संस्था के धर्मप्रचारक अभय वर्तक, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र ठाकूर, आर्य समाज इंदौर के प्रचार प्रभारी अखिलेशचंद्र शर्मा, राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के सुनील शिंदे, मित्रमेला संगठन के सचिव अधिवक्ता कुणाल भंवर और धर्मजागरण मंच के विनोद मिश्रा ने भी इस अधिवेशन को संबोधित किया ।

इंदौर में आदर्श पद्धति से रंगपंचमी मनाने में सफलता मिली ! – एकलव्य गौड, संयोजक, हिन्दरक्षक सेना

इंदौर में मनाई जानेवाली रंगपंचमी संपूर्ण भारत में विख्यात है । एक समय में यहां होली और रंगपंचमी ने घिनौना रूप धारण किया था । मेरे पिताजी ने इन अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए प्रधानता ली, साथ ही हिन्दू धर्मशास्त्र को अपेक्षित पद्धति से उत्सव मनाने हेतु प्रयास आरंभ किए । आज हम सभी के सामने इसे एक आदर्श उत्सव के रूप में प्रस्तुत करने में सफल रहे हैं ।

धर्म को सामान्य व्यक्तितक पहुंचाने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति के प्रयास प्रशंसनीय ! – एकलव्य गौड, संयोजक, हिन्दरक्षक सेना

हमें हिन्दू जनजागृति समिति से प्रेरणा मिलती है । समिति सरल भाषा में सामान्य लोगोंतक धर्म को पहुंचाने का प्रयास कर रही है । मैं अनेक वर्षाें से हिन्दू जनजागृति समिति से परिचित हूं । मैने समिति के कार्य का बहुत निकटता से अध्ययन किया है । समिति हिन्दुत्व का अभ्यासपूर्ण कार्य कर रही है । सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को एक साथ जोडने का समिति का कार्य प्रशंसनीय है ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु भारत के किसानों को स्वयंपूर्ण बनाना आवश्यक ! – सुनील शिंदे, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए भारत के किसानों को स्वयंपूर्ण बनाना आवश्यक है । आज भारत में २० लाख करोड रुपयों की युरिया और ९ लाख करोड रुपयों के कीटनाशक बेचे जाते हैं । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष २०३० तक भारत के ५० प्रतिशत लोगों के कर्करोग से ग्रस्त होने की संभावना व्यक्त की है । इन सभी बातों को ध्यान में रखके हुए इस विषय में एक व्यापक जनजागरण होना आवश्यक है ।

हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध लगाने हेतु व्यापक जनजागरण की आवश्यकता – आनंद जाखोटीया, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

आज हलाल अर्थव्यवस्था ने भारतीय बजार को घेर लिया है । इससे मिलनेवाले पैसों का उपयोग मुसलमान आतंकियों की कानूनी सहायता करने के लिए किया जा रहा है; इसलिए हलाल प्रमाणपत्र व्यवस्था बंद होने हेतु व्यापक जनजागरण की आवश्यकता है ।

सर्वसामान्य हिन्दुओं को हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता समझाना महत्त्वपूर्ण ! – अभय वर्तक, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

आज अधिकांश देशों में विज्ञान का बोलबाला और लोकतंत्र होते हुए भी ये देश मनुष्य को सुसंस्कृत बनाने में असफल सिद्ध हुए हैं । केवल हिन्दू राष्ट्र में ही मनुष्य का जीवन सदाचरणी बन सकता है । आज विश्व तीसरे विश्वयुद्ध की कगार पर खडा है । ऐसे में केवल सनातन धर्म की सीख ही विश्व का दिशादर्शन कर सकेगी ।

आदर्श राष्ट्र्स्थापना हेतु संगठित हों ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

आद्यशंकराचार्य एवं स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘वैदिक भारत’, स्वामी विवेकानंदजी ने ‘जागृत भारत’, स्वतंत्रतावीर सावरकर एवं डॉ. हेडगेवार ने ‘हिन्दू राष्ट्र’, पंडित श्रीराम शर्मा ने ‘युग निर्माण’ और परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने ‘ईश्वरीय राज्य’ का ध्येय हमारे सामने रखा है । भले ही ये शब्द भिन्न हों; परंतु उनमें विद्यमान भाव एक ही है और वह है ‘आदर्श राष्ट्रसंस्थापना’ ! हमें इस आदर्श राष्ट्र्रसंस्थापना हेतु संगठित होना चाहिए ।

अधिवेशन में उपस्थित मान्यवर

इस अधिवेशन में सर्वश्री शिवसेना के पंडित धर्मेंद्र जोशी, वालिपूर आश्रम के रवींद्र शर्मा, चैतन्यभारत संगठन के रोहितसिंह बैंस, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अधिवक्ता महेशकुमार गर्ग, भारत विकास परिषद के नरेंद्र गोयलसहित १७ संगठनों के ६० प्रतिनिधि उपस्थित थे ।

क्षणिका :

इस अधिवेशन में हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल और सनातन प्रभात के पाठक भी उपस्थित थे ।

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