कर्नाटक के होसतोडकू त्योहार के समय हलाल मांस के बहिष्कार का आवाहन करनेवाले हिन्दू संगठनों के अभियान को मिली सफलता !
बेंगलुरू (कर्नाटक) : युगादी के (गुढी पडवे के) दूसरे दिन मनाए जानेवाले होसतोडकू त्योहार में देवताओं को मांस अर्पण किया जाता है । इससे पूर्व देवताओं को हलाल मांस अर्पण किया जाता था । हिन्दू जनजागृति समितिसहित अनेक हिन्दू संगठनों ने युगादी के दूसरे दिन मनाए जानेवाले होसतोडकू त्योहार के दिन हिन्दुओं से हलाल मांस का बहिष्कार कर झटका मांस खरीदने का आवाहन किया गया था । उसके अनुसार हिन्दू समाज ने अनेक जनपदों में होसतोडकू त्योहार के दिन हलाल मांस का बहिष्कार कर झटका मांस खरीदा, ऐसा ध्यान में आया है । हलाल पद्धति में पशु की अत्यंत क्रूरतापूर्ण हत्या की जाती है और ऐसा करना वर्ष १९६० के पशु हिंसाविरोधी कानून के विरुद्ध है ।
हिन्दू समाज में पशुओं की इतनी अमानवीय पद्धति से हत्या करना निषेधार्ह है । हमारी मांग का प्रत्युत्तर कर हलाल मांस का बहिष्कार करनेवाले हिन्दू समाज का अभिनंदन ! इसके आगे भी इसी पद्धति से अन्य हलाल उत्पादों का भी बहिष्कार करेंगे, ऐसा हिन्दू जनजागृति समिति ने कहा है । समिति ने यह भी मांग की है कि इसके आगे राज्य सरकार हलाल के माध्यम से की जानेवाली अमानवीयता रोकने हेतु पशुओं की हत्या करने से पूर्व उन्हें बेसुध करने का नियम कठोरता से लागू किया जाए ।