कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने किया आदेश का विरोध
- कांग्रेस ने अबतक धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों की चापलूसी (चाटुकारी) की है । अब कांग्रेस को समझ में आ गया है कि इफ्तार पार्टियां करने से पुनः सत्ता नहीं मिलेगी । इसलिए अब हिन्दुओं को प्रसन्न करने के लिए इस प्रकार के प्रयास करना आवश्यक है; परंतु हिन्दुओं को पता है, कि यह कांग्रेस का ढोंग है’ !
- कांग्रेस के हिन्दू कार्यकर्ताओं ने मुसलमानों के त्योहार मनाना स्वीकार किया था; परंतु अब मुसलमान विधायक को पार्टी द्वारा हिन्दुओं के त्योहार मनाना स्वीकार नहीं हो रहा, कांग्रेस के हिन्दू कार्यकर्ताओं को यह ध्यान में लेना चाहिए !
- क्या विधायक आरिफ मसूद ने कभी कांग्रेस को इफ्तार पार्टी मनाते समय ऐसा विरोध किया है ? ऐसा होते हुए भी क्या कांग्रेस को आरिफ मसूद धर्मनिरपेक्ष वृत्ति के लगते हैं ? – संपादक, हिन्दूजागृति
भोपाल (मध्यप्रदेश) – मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेता एवं भूतपूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को श्रीरामनवमी एवं हनुमान जयंती मनाने का लिखित आदेश पारित किया है । इस पर कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने आपत्ति दर्शाई। उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार के आदेश से गलत प्रथा आरंभ होगी ।
Madhya Pradesh Congress MLA Arif Masood criticizes party’s decision to celebrate Ram Navami and Hanuman Jayanti, asks why Ramzan not included in celebrationshttps://t.co/iYhytuhTT5
— OpIndia.com (@OpIndia_com) April 7, 2022
१. मसूद ने आगे कहा है कि राजनीतिक पार्टियों को इस प्रकार के लिखित आदेश देना उचित नहीं है । हम जिस विचारधारा के लिए काम करते हैं, उसमें सबको साथ लेकर अग्रसर होना होता है । ऐसे समय आपने केवल श्रीरामनवमी एवं हनुमान चालीसा का ही उल्लेख किया; परंतु आंबेडकर जयंती, गुड फ्राइडे और रमजान का नहीं ! ये तीनों बडे उत्सव हैं । अन्य और हममें अंतर है । अन्य पार्टियां केवल एक ही धर्म के विषय में बोलती हैं, परंतु हम सर्व धर्माें के विषय में बोलते हैं । ऐसे समय हमें केवल राजनीतिक सूत्रों (मसलों) पर ही बोलना चाहिए । धार्मिक त्योहार होते रहे हैं और होते रहेंगे, उनको कोई रोक नहीं सकता ।
२. राज्य के गृहमंत्री एवं भाजपा के नेता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मसूद पर टिप्पणी करते हुए कहा है, ‘एक समय इफ्तार पार्टियों का आयोजन करनेवाली पार्टी अब मंदिरों के चक्कर क्यों काट रही है ?’, यह बात मसूद को स्वीकार नहीं हुई ।
स्रोत : Opindia