‘सेक्युलैरिजम्’ का सामना करने के लिए हिन्दू राष्ट्र के विचारों का टीकाकरण करना आवश्यक – अनिकेत अर्धापुरकर, हिन्दू जनजागृति समिति
वर्धा : गोहत्या, लव जिहाद, धर्मांतरण, हिन्दूद्वेष आदि का मूल सेक्युलैरिजम (धर्मनिरपेक्षता) में है । कोरोना के विषाणु से भी सेक्युलैरिजम का विषाणु अधिक घातक है । उसका सामना करना हो, तो हिन्दुओं की प्रथाओं-परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को संजोनेवाले हिन्दू राष्ट्र के विचारों का टीकाकरण करना आवश्यक है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. अनिकेत वर्धापुरकर ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ५ अप्रैल को बोरगांव (मेघे) के श्रीराम मंदिर में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा का आयोजन किया गया था, उसमें वे ऐसा बोल रहे थे । इस सभा में सनातन सं स्था की श्रीमती भार्गवी क्षीरसागर ने भी उपस्थित धर्मप्रेमियों को धर्माचरण का महत्त्व विशद कर बताया ।
क्षणिकाएं
१. सभा में उपस्थित धर्मप्रेमियों ने ‘मैं हैलो नहीं, अपितु ‘नमस्कार’ बोलेंगे’, ‘जन्मदिवस हिन्दू संस्कृति के अनुसार मनाएंगे’, ‘तिलक लगाकर ही घर से बाहर निकलेंगे’, ‘घर पर भगवा ध्वज लगाएंगे’ और ‘हलाल प्रमाणपत्रवाले उत्पाद नहीं खरीदेंगे’, यह निश्चय व्यक्त किया ।
२. सभास्थल पर सनातन के ग्रंथों और सात्त्विक उत्पादों की प्रदर्शनी, साथ ही महनीय राष्ट्रपुरुषों की जानकारी देनेवाली प्रदर्शनी लगाई गई थी ।