राज्य के धर्मार्थ विभाग की पहल !
- क्या आपने कभी ऐसी परंपरा के बारे में सुना है कि, किसी मस्जिद या चर्च में हिन्दू वेद मंत्र से कार्यक्रम आरंभ किया गया हो ? ऐसी आत्मघाती परम्पराओं को केवल हिन्दू ही निभाते हैं और स्वयं को ‘धर्मनिरपेक्ष’ कहलवा कर स्वयं को धन्य मानते हैं !
- कर्नाटक में भाजपा सरकार और सरकार के अधीन आने वाले धर्मादाय से हिन्दू ऐसी पहल की अपेक्षा नहीं करते ! – संपादक, हिन्दुजागृति
बेलूर (कर्नाटक) – १३ अप्रैल को कुरान का पाठ कर रथोत्सव करने की कथित ऐतिहासिक परंपरा यहां के प्रसिद्ध चेन्नाकेशव मंदिर में कायम है । इस परंपरा का हिन्दू भक्तों ने कानूनी रूप से विरोध किया था । राज्य के धर्मार्थ विभाग ने इस परंपरा को बनाए रखने के प्रयास किए । उस समय यहां भारी पुलिस बल तैनात थी । यह त्यौहार २ दिनों तक चलता है ।
परंपरा के अनुसार, बेलूर मंदिर में त्योहार की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए कुरान की आयतों का पाठ किया जाता है। एक मौलवी आमतौर पर भगवान चेन्नाकेशव के रथ के सामने कुरान के अंश पढ़ता है।
इस साल कुछ भ्रम था क्योंकि मंदिर के अधिकारियों ने मुस्लिम व्यापारियों को वार्षिक उत्सव में स्टॉल लगाने से रोकने के लिए एक नोटिस जारी किया था। उन्होंने साझा किया कि मंदिर को परंपरा के साथ जारी रखने की अनुमति देने से पहले बंदोबस्ती विभाग ने विभिन्न पुजारियों से परामर्श किया।
मंदिर के प्रशासक ने मुजराई विभाग को पत्र लिखकर अनुष्ठान की निरंतरता पर स्पष्टीकरण मांगा था, जो वर्षों से चल रहा है और हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। मुजराई विभाग की आयुक्त रोहिणी सिंधुरी ने अनुष्ठान जारी रखने को हरी झंडी दे दी। उन्होंने कहा कि हिंदू धार्मिक अधिनियम, 2002 की धारा 58 के अनुसार मंदिर के रीति-रिवाजों और परंपराओं में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। उनके निर्देश के बाद, मंदिर समिति ने कुरान से छंदों के पाठ की रस्म को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
स्रोत : पत्रिका