हिन्दू राष्ट्र की स्थापना को बल मिलने तथा हिंदुओं में शौर्यजागरण करने के लिए ‘गदापूजन’ !
प्रभु श्रीराम की कृपा से रामराज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र स्थापना को बल मिले तथा हिंदुओं में शौर्यजागरण हो, इसके लिए श्री हनुमान जयंती के निमित्त देशभर में ‘गदापूजन’ किया गया । हिन्दू जनजागृति समिति और समवैचारिक हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में 218 स्थानों पर सामूहिक ‘गदापूजन’ उत्साह में संपन्न हुआ । इन कार्यक्रमों में संतों की वंदनीय उपस्थिति थी तथा विविध संगठनों के पदाधिकारी और बडी संख्या में युवावर्ग उपस्थित था ।
#HanumanJayanti
To give strength to the establishment of Hindu Rashtra and awaken valour among Hindus, 'Gadapujan' held at 218 places across the nation ! pic.twitter.com/MzALYmuysX— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) April 16, 2022
महाराष्ट्र में मुंबई, ठाणे, रायगढ, पुणे, सातारा, सोलापुर, कोल्हापुर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, संभाजीनगर, नाशिक, धुळे, जलगांव, नागपुर और अमरावती; कर्नाटक में बागलकोट, धारवाड, शिवमोग्गा, उडुपी, दक्षिण कन्नड, मैसूर, तुमकूर, बेंगलुरु एवं बेलगांव; गोवा में फोंडा एवं साखळी; उत्तर प्रदेश में मथुरा सहित दिल्ली और राजस्थान में भी सामूहिक ‘गदापूजन’ किया गया । इस समय शंखनाद से कार्यक्रम प्रारंभ किया गया । उसके उपरांत सामूहिक प्रार्थना, ‘गदापूजन’ विधि, हनुमानजी की आरती, हनुमान चालीसा और ‘श्री हनुमते नम:’ यह सामूहिक नामजप किया गया । ‘धर्मसंस्थापना के लिए हनुमानजी के गुण कैसे आत्मसात करने चाहिए, इस संबंध में भी मार्गदर्शन किया गया । कार्यक्रम के अंत में ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रतिज्ञा’ की गई ।
हिन्दुओं का इतिहास शौर्यशाली है । गत 75 वर्षों में हिन्दुओं का शौर्य जागृत होगा, ऐसे कार्यक्रम होते दिखाई नहीं देते, अपितु ‘दे दी हमे आजादी बिना खड्ग बिना ढाल…’ इस प्रकार का संदेश देकर हिन्दुओं की भावी पीढियों को भी शौर्य से वंचित किया जा रहा है । हिन्दुओं के प्रत्येक देवता का रूप देखने पर प्रत्येक देवता का एक हाथ आशीर्वाद देनेवाला तथा अन्य सभी हाथों में शस्त्र हैं । हिंदुओं को देवता के प्रत्येक रुप का पूजन करना चाहिए । उस दृष्टि से देवताओं के शस्त्रों का पूजन करने से हिन्दुओं का शौर्य जागृत होने में सहायता होगी । अन्याय अत्याचार के विरुद्ध लडने के लिए शौर्य ही आवश्यक होता है । इसलिए धार्मिक त्योहारों के समय प्रतीकात्मक ही क्यों न हो; परंतु शस्त्रपूजन होना चाहिए । हिन्दुओं में शौर्यजागरण होना चाहिए । हिन्दुओं को अपने त्योहार और उत्सवों के माध्यम से शस्त्रपूजन की परंपराएं संजोनी चाहिए, ऐसी इस कार्यक्रम के पीछे की भूमिका हिन्दू जनजागृति ने इस समय प्रस्तुत की ।