आज विश्व में हमारी काल गणना सबसे आधुनिक, वैज्ञानिक है और सबसे उत्तम है। – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए निरंतर कार्यरत हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से करनाल के गांव संधीर के श्री त्यागी जी मंदिर में हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा संपन्न हुई। इस धर्म सभा में हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक, सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले जी ने कहा कि हमें आज पुनः हिन्दू संस्कृति का पालन करने की आवश्यकता है।
काल गणना के सन्दर्भ में बताते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजो ने अपनी संस्कृति हम पर थोपी है, हमारी काल गणना सर्वश्रेष्ठ है, अंग्रेजो के हिसाब से हमारा दिन रात को 12 बजे बदलता है। सब सोए रहते हैं तो बदलता क्या है ? जबकि पंचांग के हिसाब से हमारा दिन सूर्योदय की बाद बदलता है यानि सूर्य भगवान् सुबह प्रकाश लेकर आते हैं तब हमारा दिन प्रारम्भ होता है ये हमारा शास्त्र है। सूर्य की किरणों के साथ दिन बदलता है, तिथि बदलती है, आज विश्व में हमारी काल गणना सबसे आधुनिक, वैज्ञानिक है और सबसे उत्तम है। उन्नत देशों को तो अभी पता लगा है कि ग्रहण कब लगता है, हमारे यहां तो महाभारत में भी उल्लेख है कि कब ग्रहण लगा था यानी हमें 5,500 वर्ष पूर्व भी चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के बारे में पता था और यह हमारे पंचांग में भी यह उल्लेखित है। और हमें सिखाया जाता है कि वो श्रेष्ठ हैं और हम पिछड़े हैं।
यूरोप में ईसाइयत से पहले अग्नि पूजन होता था यानि हिन्दू धर्म के प्रमाण वहां भी मिलते हैं। बाद में ईसाइयत आने पर 35 वर्षों में सभी ईसाई बनाए गए। बाद में इस्लाम का निर्माण हुआ और अरब देशों में पूरी संस्कृति को ध्वस्त करके इस्लाम कर दिया गया। पिछले 1200 वर्षों से हमारे ऊपर कितने ही अत्याचार किए गए उसके बाद भी हम अपनी संस्कृति को बचा पाए ये हमारी महान हिन्दू संस्कृति के कारण ही हुआ है। भारत में कई वीरों ने धर्म की रक्षा के लिए प्राण दे दिए। अंग्रेजों ने गुलाम बना कर कितना अन्याय किया यह आज सभी को पता है। इसलिए आज धर्मबन्धुत्व के नाते हमें अपने धर्म पर होने वाले आघातों से अपनी रक्षा के लिए संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र निर्माण करने की आवश्यकता है ।
इस कार्यक्रम मे सनातन संस्था की कु. पूनम चौधरी ने कहा कि आज हिन्दुओं को हिन्दू धर्म का पालन करने की आवश्यकता है। आज हिन्दुओं को कहीं भी धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती।इस कारण हिन्दू समाज अपने धर्म से दूर हो गया।
आज एक हिन्दू तिलक लगाने को शर्म आती है और टाई लगाने में गर्व अनुभव करता है। जन्मदिन मनाते समय मोमबत्तियां बुझाते हैं जबकि हिन्दू धर्म में दीपक बुझाने की नहीं, जलाने की परंपरा है। नमस्कार करने की जगह शेक हैंड करते हैं। नारियल फोड़कर उद्घाटन करने की अपेक्षा फीता काटते हैं। हिन्दू नववर्षारंभ मानाने की जगह 31 दिसम्बर को पार्टी मनाते हैं। हम अंग्रेजी सीखते हैं और विदेशी संस्कृत सीख रहे हैं। इस प्रकार अंग्रेजी पद्धति का आचरण कर हममे पश्चिमी संस्कार आत्मसात रहे हैं। इसके विपरीत विदेशी लोग, हिन्दू धर्म के अनुसार आचरण कर रहे हैं। आज लव जिहाद हिन्दुओं के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है जिसका समाधान हिन्दू महिलाओं को धर्म की शिक्षा देना यही है | साथ ही वर्तमान में आपातकाल का सामना करने हेतु हम सभी ने प्रथमोपचार सीखना और साधना करने की आवश्यकता है |
इस कार्यक्रम का लाभ लगभग 35 से अधिक धर्म प्रेमियों ने लिया तथा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए संगठित रूप से कार्य करने की इच्छा व्यक्त की ।