कानून हाथ में लेने की भाषा कर लोगों को उकसानेवाले ऐसे धर्मांधों की इस ‘असहिष्णुता’ पर अब कोई सेक्युलरवादी, लिबरल्स कुछ क्यों नहीं बोलते ? क्या अभिव्यक्ति स्वतंत्रता का उल्लंघन केवल हिन्दुओं के लिए है ? – सम्पादक, हिन्दुजागृति
सोशल मीडिया पोस्ट के बाद कर्नाटक के हुबली में भडकी हिंसा शांत होने का नाम नहीं ले रही है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही है जिसमें धर्मांधों की भीड पुलिस थाने के आगे नारा लगाते हुए सुनाई दे रही है कि, ‘गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा, सर तन से जुदा’। रिपोर्ट के अनुसार, एक मौलाना इस भीड का नेतृत्व कर रहा था और रोकने पर पुलिसकर्मियों को भी जान से मारने की धमकी दे रहा था।
जानकारी के अनुसार, हुबली जिले का कांग्रेस अध्यक्ष अल्ताफ हल्लुर भी मौके पर मौजूद था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हुबली जिले में भड़की हिंसा के बाद पुलिसकर्मियों की कई गाठियों को जला दिया गया है, इसके अलावा अस्पताल और मंदिर में भी तोडफोड की गई है। इस घटना में 12 पुलिसकर्मियों को चोट लगी है। पुलिस ने बुधवार तक इस मामले में 200 लोगों को हिरासत में लिया है।
"गुस्ताख-ए-रसूल की एक ही सजा, सर तन से जुदा', सर तन से जुदा"
Even as a cleric was making the aforesaid hate speech in Hubbali, a Cong leader was seen along with him. TIMES NOW confronted the leader.@dpkBopanna joins @RShivshankar with details. pic.twitter.com/2d2q0Hd3JX
— TIMES NOW (@TimesNow) April 20, 2022
हुबली हिंसा की शुरूआती जांच में पता चला है कि हिंसा पूरी तरह सोची समझी प्लानिंग के साथ की गई थी।
अभिषेक हीरेमठ नाम के युवक पर आरोप है कि उसने तस्वीर के जरिए मक्का की मस्जिद पर भगवा झंडा लगा दिया था। ये तस्वीर वायरल हो गई इसके बाद से हिंसा भड़क उठी। आरोपी युवक को पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद मुस्लिम समाज के लोग ओल्ड टाउन पुलिस स्टेशन के बाहर बड़ी संख्या में जमा हो गए और हीरेमथ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने लगे। आरोप है कि इस दौरान भीड़ उस युवक को बाहर निकालने की मांग करने लगी और फिर पुलिस स्टेशन पर पत्थरबाजी करने लगी।
स्रोत : लाइव हिन्दुस्थान