‘बढते दंगे या योजनाबद्ध जिहादी आक्रमण ?’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद !
भारत के मुख्य सुरक्षा तंत्र राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में दंगा होना लज्जाजनक है । यह सब अचानक नहीं हुआ है, अपितु योजनाबद्ध था, यह अब सामने आ रहा है; परंतु ऐसे दंगे कुछ नए नहीं हैं । सदैव ही विभिन्न दंगों में हिन्दुओं पर पथराव और आक्रमण करनेवाले धर्मांध मुसलमान होते हैं । यह संपूर्ण विश्व में चल रहा है । हिंदुओं को इन आक्रमणकारियों के बचाव के लिए आगे आनेवाले अधिवक्ता, मानवाधिकार वाले, इस्लामी संगठन और हिन्दुओं को बदनाम करने वाले प्रसारमाध्यम इस गिरोह की ‘इकोसिस्टम’ समझ लेना आवश्यक है । तभी इस गिरोह के विरुद्ध लडना संभव होगा । इस समूह को परास्त करने के लिए हिन्दुओं को अपना तंत्र खडा करना आवश्यक है । संपूर्ण देश के अनेक राज्यों में हिंदुओं के मंदिरों और मठों को तोडे जाने पर उसके संबंध में न्याय देने के लिए न्यायालयों के पास समय नहीं है; परंतु अतिक्रमण करनेवाले धर्मांधों के विरोध में की जानेवाली कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए न्यायालय और वहां का संपूर्ण तंत्र तत्परता दिखाता है, इसे हमें ध्यान में लेना होगा, ऐसा प्रतिपादन ‘सुदर्शन न्यूज’ के मुख्य संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आयोजित ‘बढते दंगे या योजनाबद्ध जिहादी आक्रमण ?’, इस विषय के ‘ऑनलाईन’ विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।
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देहली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता युधवीर सिंह चौहान ने कहा कि, देहली में हाल ही में हुआ दंगा हमारे सुरक्षा तंत्र की बडी असफलता है । पुलिस और सरकारी तंत्रों के द्वारा आगे जाकर इस प्रकार से दंगें अथवा आक्रमण नहीं होंगे, इस प्रकार की कार्यवाही और जांच होनी चाहिए । सरकार को दंगे कराने वाले जो लोग अवैध रूप से इस देश में रह रहे हैं, उनके स्थान और उनके आर्थिक स्रोत क्या हैं, इसके जड तक पहुंचना आवश्यक है ।
हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा कि, हिंदुओं की शोभायात्राओं पर आक्रमण करनेवाले बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर निकालना आवश्यक है । देहली के दंगाइयों के बचाव में आगे आई हुई ‘जमियत उलेमा ए हिन्द’ जैसे संगठन पर केंद्र सरकार को प्रतिबंध लगाना चाहिए । ये संगठन ‘हलाल सर्टिफिकेट’के माध्यम से धन इकट्ठा कर रहे हैं । केवल हिंदुओं के त्योहार नहीं, अपितु स्पेन एवं स्वीडन इन देशों में ईसाई समुदाय द्वारा शोभायात्राओं पर भी धर्मांध मुसलमानों ने पथराव कर आक्रमण किए । केवल भारत ही नहीं, अपितु विश्व में जहां-जहां मुसलमानों की संख्या बढ रही है, वहां ऐसे आक्रमण जारी हैं । हमारे पूर्वजों ने विदेशी आक्रांताओं के अनेक आक्रमणों को रोककर उसके विरुद्ध लडाई की, वैसी लडाई अब हमें भी लडनी होगी ।