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देशभर में हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर

सर्वोच्च न्यायालय में में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाने और हलाल प्रमाण पत्र वापस लेने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका को अधिवक्ता विभोर आनंद ने वकील रवि कुमार तोमर के माध्यम से दायर किया है। उन्होंने अपनी याचिका में न्यायालय से हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट सहित संबंधित अधिकारियों द्वारा हलाल प्रमाणित किए गए सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।

इस याचिका में कहा गया है कि, हलाल सर्टिफिकेशन पहली बार साल 1974 में सामने आया था, जिसका उपयोग मांस के लिए होता था। 1974 से पहले हलाल सर्टिफिकेशन जैसा कुछ नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि 1974 से 1993 तक हलाल सर्टिफिकेशन केवल मांस उत्पादों तक ही सीमित था, लेकिन बाद में इसने कई उत्पादों को शामिल किया। याचिकाकर्ता ने यहां जिन उत्पादों की बात की है, उसमें फार्मास्यूटिकल्स, सौंदर्य प्रसाधन, स्वास्थ्य उत्पाद और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं।


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मल्टीनेशनल कंपनियों से हलाल प्रोडक्ट वापस लेने का निर्देश देने की मांग

याचिका में कहा गया कि, आज इसमें हलाल के अनुकूल पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, गोदाम सर्टिफिकेशन और रेस्तरां सर्टिफिकेशन को भी शामिल कर लिया गया है। याचिकाकर्ता ने भारत में काम कर रही स्थानीय और मल्टीनेशनल कंपनियों को देश भर के बाजारों से सभी हलाल प्रमाणित खाद्य पदार्थ और अन्य उपभोज्य उत्पादों को वापस लेने का निर्देश देने की भी मांग की है। अर्जी में अपील की गई है कि 1974 से अब तक जितने हलाल सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं उन्हें खारिज कर दिया जाए।

स्रोत : टीवी 9

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