‘द बनारस बार एसोसिएशन’ के सभागार में किया गया आयोजन
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) : १९ जनवरी १९९० के दिन स्वतंत्र भारत में पाकिस्तान समर्थित जिहादी आतंकियों ने सहस्रों कश्मीरी हिन्दुओं की हत्याएं कीं और सहस्रों महिलाओं के साथ बलात्कार किए गए । इस घटना को अब ३२ वर्ष बीत गए हैं; परंतु अभी भी विस्थापित हिन्दुओं का पुनर्वास नहीं हो सका है और वे न्याय से वंचित है । इस नरसंहार की भीषण वास्तविकता दर्शानेवाली प्रदर्शनी यहां के द बनारस बार एसोसिएशन के सभागार में लगाई गई थी । इस प्रदर्शनी का उद्घाटन बार एसोसिएशन के महामंत्री अधिवक्ता रत्नेश्वरकुमार पांडे के हस्तों किया गया । अनेक अधिवक्ताओं ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया ।
इसी अवसर पर ‘कश्मीरी हिन्दुओं का सुरक्षित पुनर्वास करने हेतु कश्मीर में ‘पनून कश्मीर’ के नाम से केंद्रशासित प्रदेश बनाया जाए, यह मांग करनेवाले ज्ञापन के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया ।
विशेषतापूर्ण अभिप्राय
१. द बनारस बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता धीरेंद्रनाथ शर्मा ने कहा कि इस प्रदर्शनी ने अभिवक्ताओं और सामान्य लोगों में जागृति लाने का काम किया है । यह प्रदर्शनी देखकर ऐसा लगता है कि कश्मीर में जो क्रूरता की गई वह हृदय को विदीर्ण करनेवाली है ।
२. अधिवक्ता रत्नेश्वरकुमार पांडे ने कहा कि इस प्रदर्शनी से यह ध्यान में आता है कि वर्ष १९९० में जिहादियों ने भयानक क्रूता दिखाई थी । ऐसे कार्यक्रमों का नियमितरूप से आयोजन किया जाना चाहिए ।