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बलोपासना वर्षपूर्ति के उपलक्ष्य में ऑनलाईन पद्धति से व्याख्यान का आयोजन

सभी के योगक्षेम का वहन ईश्वर करनेवाले हैं; परंतु उसके लिए ईश्वर का भक्त बनना आवश्यक ! – श्री. मनोज खाडये, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. मनोज खाडये

सोलापुर : वर्ष १९४७ में भारत को स्वतंत्रता मिली । देश जब परतंत्र में था, तब भारत ने अन्य देशों से जो ऋण लिया था, उसे आज भी हम चुका रहे हैं । आज के समय में देश में युद्धजन्य स्थिति है और अनेक द्रष्टाओं और संतों ने बताया है कि आगे जाकर तीसरा विश्वयुद्ध भी होनेवाला है । इस विश्वयुद्ध में विश्व की ५० प्रतिशत जनसंख्या नष्ट होनेवाली है । ऐसी भीषण स्थिति में भी आज का युवावर्ग राष्ट्र की चिंता न कर केवल स्वहित देखने में व्यस्त है । ईश्वरीय नियोजन के अनुसार हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होने ही वाली है; परंतु उसके लिए हम सभी का योगदान अपेक्षित है । हमारे योगक्षेम का वहन ईश्वर करने ही वाले हैं; परंतु उसके लिए हमें ईश्वर का भक्त बनना आवश्यक है और ईश्वर का भक्त बनने के लिए हम सभी को साधना करना आवश्यक है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू जनजागृति समिति के पश्चि महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात राज्य समन्वयक श्री. मनोज खाडये ने किया । बलोपासना वर्ग की वर्षपूर्ति के उपलक्ष्य में ऑनलाइन पद्धति से लिए गए व्याख्यान में वे ऐसा बोल रहे थे ।

वर्ष २०२१ में श्रीरामनवमी से लेकर श्री हनुमान जयंती की समयावधि में हिन्दूओं को स्वरक्षा प्रशिक्षण लेने का अवसर मिले; इसके लिए ऑनलाइन पद्धति से बलोपासना वर्ग का आरंभ किया गया था । श्रीराम की कृपा से यह वर्ग पिछले एक वर्ष से निरंतर चर रहा है । इस वर्षपूर्ति के उपलक्ष्य में श्रीरामनवमी के दिन इस व्याख्यान का आयोजन किया गया था । ७५० से अधिक धर्मप्रेमियों ने इस व्याख्यान का लाभ उठाया, तो कु. प्राची शिंत्रे ने सूत्रसंचालन किया । व्याख्यान का उद्देश्य श्री. मिनेश पुजारी ने विशद किया, तो श्री. निखिल कदम ने सभी से हिन्दू राष्ट्र की प्रतिज्ञा करवा ली ।

हनुमान जयंती के दिन वीरता और शौयता का प्रतीक हनुमानजी की गदा का पूजन करना चाहिए ! – हर्षद खानविलकर, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. हर्षद खानविलकर

हनुमानजी की गदा वीरता और शौर्य का प्रतीक है । काल के अनुसार हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए हिन्दुओं को बल मिले; इसके लिए आनेवाली हनुमान जयंती को समस्त हिन्दू अपने-अपने गांवों के, साथ ही शहरों में ंस्थिति हनुमान मंदिरों में गदा का पूजन करें ।

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