भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना समय की मांग ! – डॉ. नील माधव दास, संस्थापक ‘तरुण हिन्दू’
धनबाद (झारखंड) : भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना समय की मांग है; इसलिए सभी को संगठित होना चाहिए । ‘तरुण हिन्दू’ संगठन की स्थापना इसी उद्देश्य से हुई है; इसलिए हम हिन्दू जनजागृति समिति के साथ कार्य कर रहे हैं, ऐसा प्रतिपादन ‘तरुण हिन्दू’ के संस्थापक डॉ. नील माधव दास ने किया ।
‘भारत में पुनः एक बार धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो’, इस संकल्प को लेकर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १७ अप्रैल को धनबाद के स्टील गेट स्थित नेहरू सांस्कृतिक केंद्र में प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन आयोजित किया गया था । इस अधिवेशन में झारखंड और बंगाल राज्य के १६ हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के अनेक प्रतिनिधि उपस्थित थे । शंखनाद, दीपप्रज्वलन और वेदमंत्रों के उच्चारण में इस अधिवेशन का आरंभ हुआ । उसके उपरांत मान्यवरों ने उपस्थित प्रतिनिधियों को संबोधित किया । इस अधिवेशन में सेवाश्रम संघ, धनबाद के स्वामी प्रयागत्मानंदजी महाराज; इस्कॉन बंगाल के स्वामी रामानंदजी महाराज, धनरबाद के स्वामी दामोदरजी महाराजर और लोचन मिश्राजी महाराज की वंदनीय उपस्थिति थी ।
?हिन्दू अधिवेशन है वीरों का परिवार।
आओ, मिलकर करें ‘हिन्दू राष्ट्र’ साकार।।संतों के करकमलों द्वारा दीपप्रज्वलन से हुआ धनबाद (झारखंड) में हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित बंगाल-झारखंड प्रांतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का प्रारंभ !#जयतुजयतुहिन्दूराष्ट्रम्#HinduRashtraAdhiveshan pic.twitter.com/0wASwbfXME
— HinduJagrutiOrg (@HinduJagrutiOrg) April 17, 2022
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को एकत्रित होकर कार्य करना चाहिए ! – शंभू गवारे, पूर्व एवं पूर्वाेत्तर भारत राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना केवल एक मत नहीं, अपितु व्रत बनना चाहिए । राष्ट्र एवं धर्म के संकट के समय में धर्म के पक्ष में खडे रहना हम सभी का सामूहिक दायित्व है । वर्ष २०२३ के उपरांत सत्त्वगुणी हिन्दुओं के द्वारा भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होगी; इसलिए सभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को एकत्रित होकर संगठित कार्य करना चाहिए ।
केवल भारत ही विश्वकल्याण का विचार करता है ! – लोचन मिश्राजी महाराज
केवल भारत में ही नहीं, अपितु अखिल विश्व में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना आवश्यक है; क्योंकि केवल हिन्दू धर्म ही अखिल विश्वकल्याण एवं वसुधैव कुटुम्बकम् (संपूर्ण पृथ्वी ही एक परिवार है) का विचार करता है ।