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‘अच्छे नंबर लाने हैं, तो ईसाई धर्म अपना लो’ – मिशनरी विद्यालयों में बच्चों को किया जा रहा है लक्ष्य

दक्षिण तमिलनाडु के कई विद्यालयों में बच्चों को पढाई के नाम पर धर्मांतरण की शिक्षा की दी जा रही है। यह एक नहीं कई विद्यालयों में देखने को मिला है। बच्चों को अतिरिक्त क्लास के बहाने सिखाया जा रहा है कि, कैसे ईसाई धर्म अपनाने से ही परीक्षा में अच्छे अंक आ सकते हैं और ऐसा नहीं करने से शरीर में विकृति तक आ सकती है। हाल ही में तमिलनाडु की एक 6 वीं कक्षा की छात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें बच्ची बता रही थी कि, उसके शिक्षक उसे कह रहे हैं कि, प्रभु यीशु के अलावा अन्य सभी देवता शैतान हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, मिशनरी समूहों द्वारा किए जा रहे ये काम केवल निजी विद्यालयों में नहीं, सरकारी विद्यालयों में भी किए जा रहे हैं। कई बार विद्यालय प्रशासन से इसकी शिकायत भी की गई, कुछ जगहों पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करके ही निपटारा करने की कोशिश की गई। जबकि कुछ जगहों पर मामला संज्ञान तक में नहीं लिया गया। जिसके बाद मजबूरन अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला दूसरी विद्यालयों में कर रहे हैं।

न्यूज 18 के अनुसार, तमिलनाडु के तिरुनेलवेली क्षेत्र में पढने वाले वाले आठवीं कक्षा के छात्र ने बताया कि, कैसे उसे विद्यालय में अतिरिक्त क्लास में सिखाया गया कि यदि उसे परीक्षा में अच्छे अंक चाहिए और वह अपने साथियों की तुलना में अकादमिक रूप से बेहतर प्रदर्शन करना चाहता है, तो उसे यीशु के अलावा किसी और भगवान से प्रार्थना नहीं करनी चाहिए और ऐसा नहीं करने से ‘जीवन में विफलता और उसके शरीर में विकृति‘ आएगी।

इस सनसनीखेड घटना के सामने आने के बाद क्षेत्र के लोग स्तब्ध हैं। कई छात्रों के अभिभावक ने अपने बच्चों का दाखिला दूसरी विद्यालय में कर दिया है। एक छात्र के पिता ने कहा, “विद्यालय ऐसी जगह नहीं है जहां हम अपने बच्चों को यह सीखने के लिए भेजते हैं कि, कैसे एक धर्म दूसरों से बेहतर है। इससे नफरत पैदा होती है। कई अन्य माता-पिता इसके बारे में जानने पर नाराज थे। हमने इस मामले को विद्यालय प्रशासन के सामने उठाया लेकिन केवल यह देखने के लिए कि, कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की गई।”

अन्य सभी देवता शैतान हैं !

दरअसल, इस महीने की शुरुआत में, तमिलनाडु के कन्याकुमारी के एक विद्यालय की कक्षा 6 की एक छात्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें वह अपने सरकारी विद्यालय के प्रशासन से शिकायत करती दिख रही थी कि कैसे उसका एक शिक्षक उसे और अन्य सहपाठियों को बता रहा है कि बाइबिल (ईसाई धर्म ग्रंथ) पढ़ना चाहिए और प्रभु यीशु के अलावा अन्य सभी देवता शैतान हैं। जैसे ही यह घटना पूरे देश में मीडिया की सुर्खियों में आई, दो दिन बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया था।

मद्रास उच्च न्यायालय दे चुकी है जांच के आदेश

इस घटना से दो महीने पहले इसी साल जनवरी में तमिलनाडु के तंजावुर में कक्षा 12 की एक छात्रा लावण्या ने अपने विद्यालय की दो ननों द्वारा कथित रूप से प्रताड़ित करने के चलते आत्महत्या कर ली। उसने अपनी मौत से पहले आरोप लगाया था कि उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इस घटना के एक महीने बाद, मद्रास उच्च न्यायालय ने सीबीआई को मामले की जांच करने का निर्देश भी दिया था।

आरोपों पर नहीं बोला विद्यालय प्रशासन

कई मामलों में, लोगों का दावा है कि उन्होंने पुलिस को भी इस संबंध में शिकायत लिखी है, कॉल भी किए लेकिन समय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में कुछ मिशनरियों और उन समूहों से भी बात करने की कोशिश की गई जो दक्षिण तमिलनाडु में विद्यालय चलाते हैं। लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

स्रोत : लाइव हिन्दुस्थान

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